दक्षिण के बेटे प्रवीण पाठक की पदयात्रा को एक वर्ष पूरा..
– अपनी विधानसभा की समस्याएं जानने व समाधान करने के लिए पिछले साल 2 अक्टूबर को ग्वालियर दक्षिण में शुरू की थी पदयात्रा.
*- ग्वालियर दक्षिण विधानसभा व क्षेत्रवासियों से वे भलीभांति परिचित हैं, उनके हर सुख-दुख में वे हमेशा साथ खड़े दिखते हैं।*
ग्वालियर .. एक जनप्रतिनिधि अपनी विनम्रता, जनसेवा और स्नेह से किस तरह अपने क्षेत्र के हर घर का बेटा बन सकता है, इसकी मिसाल बन चुके हैं ग्वालियर दक्षिण के “विधायक श्री प्रवीण पाठक जी”। जिन्हें अपनी विधानसभा में पदयात्रा करते हुए अब एक वर्ष पूर्ण हो चुका है और इस दौरान उन्होंने लगभग 1,92,500 से ज्यादा लोगों से सीधा संवाद किया है।
ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के निवासियों की समस्याएं जानने और उनका समाधान करने के लिए विधायक श्री पाठक ने पिछले साल 2 अक्टूबर 2022 से पदयात्रा शुरू की थी। निरंतर वे क्षेत्र के हर घर, गली, मोहल्लों, काॅलोनियों और सड़कों पर लोगों से मिलते नजर आए। चाहे सर्द सुबहें रही हों या लू और तपिश भरी दोपहरें या बारिश रही हो उनके कदम कभी थमे नहीं । वे पूरे जज्बे के साथ परिजनों के दरवाजे पर दस्तक देते रहे, हाल-चाल पूछते रहे। हर घर की देहरी चढ़कर समस्याएं जानीं और कई समस्याओं का त्वरित समाधान भी किया।
क्षेत्रवासियों में भी उनके प्रति अपार स्नेह और उत्साह देखने को मिला। अपने घर में विधायक श्री पाठक को दरवाजे पर टेक लगाए या अक्सर चौखट तक पर भी बैठकर सादगी और विनम्रता के साथ बाते करते देख वे उत्साह से फूले नहीं समाते थे। हैरान थे कि कोई नेता इतनी सादगी से उनसे मिल रहा है और साथ बैठकर उनसे हर समस्या जान रहा है, सुख-दुख में शरीक हो रहा है, जैसे वो उसी परिवार का बेटा हो। बुजुर्ग भी अपने इस जनसेवक बेटे को बलियाते नहीं थके, युवा भी जब उन्हें अपने बीच पाते तो उत्साह से भर जाते। ये भी उन्हें बड़े भाई की तरह गलतियों पर डपटते, स्नेहभाव से गले लगाते और भविष्य उज्जवल बनाने की सलाह देते नहीं थकते। कई बार वे प्रशासन की उदासीनता के कारण क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं को देखकर स्वयं व्यथित हो जाते थे। हालांकि उनका जनसेवा भाव उनके जज्बे को रोक नहीं पाया और अक्सर वे स्वयं अपने स्तर पर ही समस्या का समाधान करते दिखे।
*पदयात्रा के जरिए 1,92,500 लोगों से किया सीधा संवाद*
परिजनों की समस्याओं को जानने और समाधान करने के लिए विधायक श्री प्रवीण पाठक जी द्वारा शुरू की गई ऐतिहासिक पदयात्रा को सफलतापूर्वक 1 वर्ष पूर्ण हो चुका है। ये एक अनूठा राजनीति का साफ-सुथरा बदलता परिदृश्य है। पदयात्रा के जरिए अब तक उन्होंने लगभग 1,92,500 से ज्यादा क्षेत्रवासियों से सीधा संवाद स्थापित किया। उन्होंने क्षेत्र में 2250 किमी से ज्यादा की पदयात्रा की। प्रतिदिन लगभग 6 से 10 किमी पदयात्रा कर वे हर देहरी चढ़कर अपने परिजनों से मिले। क्षेत्रवासियों के घर पहुंचकर उनकी समस्याएं जानीं और साथ बैठकर उनके खुशी-गम में शामिल हुए। लगभग 56,100 घरों में पहुंचकर 3575 से ज्यादा समस्याओं का त्वरित समाधान भी किया।
*एक ही ध्येय ’बस जोड़ने की बात हो–
ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में ’नेता नहीं दक्षिण का बेटा’ के रूप में पहचाने जाने वाले विधायक श्री प्रवीण पाठक जी ’
“बस, जोड़ने की बात हो” ध्येय के साथ लंबे समय से क्षेत्रवासियों के बीच अधिक से अधिक समय बिता रहे हैं। वे कभी बुजुर्गों की गोद में सिर रखे तो कभी उन्हें टाॅफी खिलााते, बच्चों को गोद में उठाए उन्हें आसमान में उड़ती पतंग दिखाते क्षेत्र में नजर आते रहते हैं। खासकर बुजर्गों से विशेष स्नेह के कारण वे देर तक उनसे बतियाते रहते हैं। युवाओं से मिलने पर अक्सर उनके भविष्य और नैतिकता की चर्चा करते रहते हैं। बच्चों से वे अक्सर कोई ज्ञानवर्धक सवाल पूछते या पढ़ाते नजर आ जाते हैं। इस क्षेत्र के परिजन भी दक्षिण के इस बेटे को अपने घर देखकर खूब स्नेह लुटाते हैं। बुजुर्ग तो आशीर्वाद देते नहीं थकते और युवा स्वयं ही उनके साथ कदम बढ़ा लेते हैं।
*परिजनों के स्नेह व आशीर्वाद के लिए कृतज्ञ हूं-विधायक प्रवीण*
ईश्वर की असीम कृपा व ग्वालियर दक्षिण के मेरे परिजनों के स्नेह और आशीर्वाद से ही ये पदयात्रा सफल हो पाई है। इस पदयात्रा के दौरान ग्वालियर दक्षिण के सभी परिजनों से मुझे जो स्नेह प्राप्त हुआ है, उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। मैं भावविभोर हूं, सभी के अपार प्रेम, स्नेह और आशीर्वाद के लिए कृतज्ञ हूं, नतमस्तक हूं। सदैव मेरा हर प्रयास व हर संघर्ष ग्वालियर दक्षिण के एक-एक परिजन की बेहतरी के लिए रहेगा।