ग्वालियर/ शासकीय महाविद्यालयों में इस साल भले ही स्थानांतरण आदि से सहायक प्राध्यापक व प्राध्यापकों की पदस्थापना हो जाए, पर बीच सत्र में अतिथि विद्वानों को नहीं हटाया जाएगा। मौजूदा शिक्षण सत्र के अंत तक अतिथि विद्वान संबंधित महाविद्यालय में काम करते रहेंगे। सरकार इस संबंध में जल्द आदेश जारी करेगी। यह बात उच्च शिक्षा एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने कही श्री पवैया शुक्रवार को विज्ञान महाविद्यालय में 4 करोड़ 60 लाख रुपए लागत के स्व वित्तीय पाठ्यक्रम ब्लॉक और 6 करोड़ 63 लाख रुपए लागत से बनने जा रहे एक दर्जन अध्ययन कक्षों के भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इसके बाद एमएलबी कॉलेज में एक करोड़ 70 लाख रूपए लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण भी किया।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया ने कहा शासकीय महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के पदों की पूर्ति के लिए सरकार ने पूरी शिद्दत के साथ प्रयास किए हैं । मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से तीन हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है । उन्होंने कहा शासकीय विज्ञान महाविद्यालय को रेसीडेंशियल कॉलेज के रूप में विकसित करने का सपना भी प्रदेश सरकार पूरा करेगी। श्री पवैया ने कहा की खुशी की बात है मध्य प्रदेश का पहला स्व अध्ययन केन्द्र जीवाजी विश्वविद्यालय में स्थापित हुआ है।
एमएलबी कॉलेज में इन कार्यों का किया लोकार्पण
उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने शुक्रवार को सायंकाल शासकीय एमएलबी कॉलेज में एक करोड़ 70 लाख रूपए लागत के तीन विकास कार्यों का लोकार्पण किया। इनमें 30 लाख रूपए लागत का एनसीसी कॉम्प्लेक्स, लगभग 70 लाख रूपए नेशनल प्रीमियर इंस्टीट्यूट के समकक्ष महाविद्यालय उन्नयन हेतु निर्मित भवन (स्टूडेंट वेलफेयर भवन) एवं 70 लाख रूपए की लागत से ही राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत बनाई गई कंप्यूटर लैब शामिल है।
श्री पवैया ने इसी कड़ी में मरीमाता महलगाँव के समीप सुलभ शौचालय का भूमिपूजन भी किया।