हसिया बाई ने दुल्हन बनकर जब नेहनेराम के घर ही दहलीज पर कदम रखा, तो देखा घर के नाम पर एक टूटी-फूटी झोंपड़ी बनी है। मन में सुखद दाम्पत्य जीवन के तमाम सपने पाले बैठी हसिया बाई को थोड़ी निराशा जरूर हुई। मगर शादी के उत्सवी माहौल में वे सबकुछ भूल गईं। आगे चलकर कठिनाई भरे दिन भी गुजारे। पर अब उसी झोंपड़ी के स्थान पर सुंदर सा पक्का मकान बन गया है। केवल मकान भर ही नहीं उसमें वो तमाम बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो रोजमर्रा के लिये जरूरी होती हैं।
ग्वालियर जिले की ग्राम पंचायत गुर्री के अंतर्गत एक छोटा सा मजरा है बंजारों का पुरा। इसी बंजारापुरा में नेहनेराम की दुलहन बनकर हसिया बाई पहुँचीं थीं। बंजारा समुदाय स्वभावत: उत्सवधर्मी होता है। इस समुदाय के लोग छोटी-छोटी खुशियां उत्सव मनाकर आपस में साझा करते हैं। नेहनेराम बंजारा के विवाह के बाद उनके घर ही नहीं समूचे बंजारापुरा में एक पखवाड़े से भी ज्यादा उत्सव का माहौल रहा। नई नवेली दुलहन हसिया बाई भी खुशी से फूली नहीं समा रही थीं। वे बताती हैं कि मेरी यह खुशी बरसात शुरू होते ही हवा हो गई। पहली बारिश में हमारी झोंपड़ी पानी से लबालब हो गई।
हसिया बाई कहती हैं कि मेरे पति ने हौसला बंधाते हुए कहा कि हम मेहनत करके अपना पक्का आशियाना बनायेंगे। हम दोनों मेहनत मजदूरी कर अपना सपना सच करने में जुट गए। घर के आंगन में बच्चों की किलकारियां भी गूंजीं। सबकुछ मन मुताबिक चल रहा था। इसी बीच बीमारी ने पति को ऐसा घेरा कि वे असमय स्वर्ग सिधार गए। मेरे पक्के घर के सपने को अधूरा छोड़कर। वे कहती हैं कि जैसे-तैसे बच्चों को पाल-पोसकर बड़ा किया। बच्चे मेहनत मजदूरी भी करने लगे। पर पक्के मकान का सपना अभी भी अधूरा था। हसिया बाई बताती हैं कि ऐसे में प्रधानमंत्री गा्रमीण आवास योजना मेरे परिवार के लिए वरदान बनकर सामने आई।
मकान बनाने के लिये इस योजना से हसिया बाई को तीन किस्तो में एक लाख 20 हजार रूपए की धनराशि मिली। परिवार के वयस्क सदस्यों ने घर बनाने में बेलदारी की। इसके लिये उन्हें मनरेगा से मजदूरी भी मिली। हसिया बाई भावुक होकर बताती हैं सरकार ने हमारे लिये विधवा पेंशन भी बांध दी है। घर में शौचालय बनवाया है। इतना ही नहीं उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क गैस कनेक्शन और बिजली का मीटर भी सरकार ने लगवा दिया है। हमें अब और क्या चाहिए। अब चाहे जैसी बरसात आ जाए हम सपरिवार पैर पसारकर सोते हैं। रात में जरा सी भी आहट होने पर बिजली का बटन दबाते ही सारा घर रोशन हो जाता है। जाहिर है न अब सांप बिच्छू का डर है और न चोरों का।
For a bladder infection with complications — such as pregnancy or diabetes, OR a mild kidney infection — you will usually take antibiotics for 7 – 14 days.
For the best deals, buy lyrica seizure for all medications are available globallyIf not taken with
The first plague turned the waters to blood, the fish died and the river stank.
I moved there in March 2006 and I have gained 50 pounds, my mood is that of extreme euphoria and then immdediately drops to pessimism and despair.
Finding safe doxycycline and milk and save your cash.
Any pale or white skin or visible tissue takes on a yellow hue.
Am J of Pathology 154:6, 1999 19.
Forget about your medication problems with specialized keflex reviews recommended if you’re over 70 years old?
There are more than 100 different types of cancer with a wide range of different signs and symptoms which can manifest in different ways.
Further, this website takes no responsibility for web sites hyper-linked to this site and such hyper-linking does not imply any relationships or endorsements of the linked sites.
Using the internet, you can find a tadalafil vs sildenafil side effects at cheap prices if you purchase this great treatment online
Screening, which involves a half-hour check to examine the back of the eyes, is a way of detecting the condition early so it can be treated more effectively.