*देश के लिए जीने मरने का संस्कार देता है बलिदान मेला- जयभान सिंह पवैया..
*आज झांसी से शहीद ज्योति यात्रा आएगी*
*वीरांगना बलिदान मेला का भूमिपूजन संपन्न*
ग्वालियर। वीरांगना बलिदान मेला का भूमिपूजन रविवार को संतों के सानिध्य में संपन्न हुआ। कल 17 जून को शाम को झांसी किले से शहीद ज्योति यात्रा आएगी, जिसे समाधि स्थल पर स्थापित किया जाएगा व प्रदर्शनी उद्घाटन होगा। रविवार को झांसी की रानी की समाधि के सामने 1858 क्रांति के मैदान पर आयोजित भूमिपूजन समारोह में मेला के संस्थापक, अध्यक्ष श्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि स्वार्थ के लिए जीना-लड़ना पशु में भी जन्मजात होता है, लेकिन देश के लिए मर मिटने के संस्कार मनुष्य को देना पड़ते हैं, और वे इसी तरह प्रयासों से पीढ़ी दर पीढ़ी आगे जाते हैं। बलिदान मेला 25 सालों में ग्वालियर की पहचान बन गया है।
उन्होंने कहा कि यह भूमि पूजन का कार्यक्रम दिखावे का कार्यक्रम नहीं है, प्रार्थना का कार्यक्रम है। जो लड़ाई में मौत से डर कर भागते हैं उसे मरना कहा जाता है और जो मृत्यु को गले लगाते हैं उसे अमर कहते हैं, जो रानी लक्ष्मीबाई है, महाराणा प्रताप है, शिवाजी है। मैं जब रानी लक्ष्मी बाई को खड़े होकर देखता था तो मेरे मन में एक बात आती थी यह जो मैदान है यहां नरसंहार नहीं यहां तो हाथों में वीडा लेकर वीरांगनाओं ने अग्रेजों से दो दो हाथ किया।, आज हम उनको याद करते हैं।
इस अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर ने कहा कि बलिदान मेले से देशभर में ग्वालियर का गौरव बढ़ाया है। हम सभी को किसी बुलावे का इंतजार किए बिना इस पुनीत आयोजन में बढ़चढ़कर हिस्सेदारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मेला युवाओं में देशभक्ति का जज्बा पैदा करता है।
इस अवसर पर केबिनेट मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि इस जगह पर संतों का बलिदान भी हुआ है। मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग का इस मेले में हमेशा सहयोग रहा है और नगर निगम ग्वालियर का उसका निरंतर सहयोग मिलता रहा है। राष्ट्र की भावना को लेकर सभी लोग इस मेले में लगे रहते हैं। इस मेले से हमारे युवा लोगों में देशभक्ति का जज्बा उभरता है वह हमें देखने को मिलता हैं। चाहे हिंदुस्तान को आजाद होने की बात हो, चाहे हमारे ग्वालियर में रानी लक्ष्मीबाई का बलिदान हो कहीं ना कहीं लोगों की भावनाएं है।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष श्री अभय चौधरी ने कहा कि यह भूमि राष्ट्र भक्तों की भूमि है रानी लक्ष्मीबाई की बलिदान की भूमि है। इस मेले को 25 वर्ष हो गए हैं और लगातार इस मेले में हम सबको संत जनों का आशीर्वाद मिलता रहा है। मैं भी शुरू से ही इस मेले से जुड़ा रहा हूं। इस मेल में अंचल भर से लोग आते हैं।
*आज आएगी ज्योति यात्रा*
17 जून को शाम 6.30 बजे झांसी दुर्ग से शहीद ज्योति को डॉ. श्याामा प्रसाद मुखर्जी प्रतिमा से पैदल शोभा यात्रा के रूप में समाधि स्थल तक ले जाया जाएगा। स्वराज संस्थान की तथा नगर निगम की प्रदर्शनी जरा याद करो कुर्बानी का शुभारंभ भी होगा।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. हरिमोहन पुरोहित ने किया.
भूमिपूजन कार्यक्रम में संत बालक दास जी, संत ढोलीबुआ महाराज महंत रामभजनदास जी, स्वामी देवानंद जी महाराज, निगम सभापति श्री मनोज तोमर, संघ के यशवंत इंदापुरकर, पूर्व सांसद विवेक शेजवलकर, विश्व हिंदू परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष श्री पप्पू वर्मा, पूर्व विधायक श्री घनश्याम पिरौनिया, श्री कनवर मंगलानी, श्री रामेश्वर भदौरिया, श्री राजू सेंगर, श्रीमती हेमलता बुधौलिया, श्री विनय जैन, श्री विनोद शर्मा, श्री धर्मेंद्र सिंह कुशवाह, श्री दारा सिंह सेंगर, श्री शैली शर्मा, श्री नवीन परांडे, जिला मीडिया प्रभारी श्री नवीन चैधरी, श्री अशोक शर्मा, श्री किशन मुदगल, डॉ राकेश रायजादा श्री प्रमोद खंडेलवाल, श्री हरीश मेवाफरोश, श्री नरेंद्र चैहान, श्री जागेश्वर सिंह भदौरिया,
श्री कमल माखीजानी, श्री जयप्रकाश मिश्रा, श्री आकाश श्रीवास्तव, श्री प्रयाग सिंह तोमर, श्री बृजमोहन शर्मा, श्री हरिओम झा, श्री राघवेंद्र कुशवाह, श्री राजेंद्र शर्मा, श्री सुनील श्रीवासस्तव, श्री अजय तिवारी, श्री संजीव पोतनीस, श्री निशिकांत मोघे, श्री गौरव कुलश्रेष्ठ, श्री अजीत बरैया, श्री संदीप देव, श्री मनोज मुटाटकर, श्री प्रवीण श्रीवास्तव, श्रीमती खुशबू गुप्ता, श्रीमती विद्या थोराठ, श्रीमती प्रीती थोराठ, प्रज्ञा सिंह, ज्योति पाठक, कृष्णा महोविया, शैलेंद्री ठाकुर, मीना चैहान, श्री अरविंद रघुवंशी, श्री अमित बंसल, श्री राहुल राजपूत, श्री प्रमोद परमार, श्री भगतवत साहय श्रीवास्तव, श्री धर्मेंद्र तोमर गुड्डू, श्री अनिल कौरव, श्री संतोष सिकरवार, श्री सक्षम गोहा सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण मौजूद रहे।