आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के वकील का सनसनी खेज आरोप- “”चंबल में आम है कस्टडी में हत्या होना””. अतीक अहमद case का रिपीटेशन भी हो सकता है!

आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के वकील का सनसनी खेज आरोप..
चंबल में आम है कस्टडी में हत्या होना.. अतीक अहमद कैसे का रिपीटेशन भी हो सकता है..

– आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल धन कुबेर सौरभ शर्मा की सुरक्षा को लेकर ग्वालियर में
सौरभ शर्मा के वकील राकेश पराशर ने लोकायुक्त पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया है। सौरभ शर्मा के वकील राकेश पराशर का कहना है कि अतीक अहमद की तरह सौरभ की भी हो सकती है हत्या।

– सौरभ शर्मा के वकील राकेश पराशर में भोपाल की विशेष अदालत में जहां सौरभ का केस चल रहा है एक विशेष एप्लीकेशन लगाई है जिसमें लोकायुक्त पुलिस की कस्टडी में रहते हुए सौरभ शर्मा को पैदल एक थाने से दूसरे थाना तक ले जाने और अन्य स्थानों पर ले जाने के मुद्दे को लेकर सवाल उठाया है । एडवोकेट राकेश पराशर का कहना है कि लोकायुक्त पुलिस सिविल ड्रेस यानी यूनिफॉर्म में रहती है और सुरक्षा को लेकर पता नहीं रहता कि कौन पुलिस है और कौन सिविलियन.. जबकि
रिमांड देने के साथ लोकायुक्त विशेष कोर्ट ने सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने के भी दिए थे निर्देश,
लेकिन खुले में सौरभ शर्मा को पैदल घूमना अधिकारियों की घोर लापरवाही, को दर्शाता है।
इस बीच हमले, या हत्या होने पर सभी जिम्मेदार जांच एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ हत्या का षड्यंत्र रचने और उसमें शामिल होने का मामला होना चाहिए दर्ज,
अर्जेंट हियरिंग के लिए लगाया था कोर्ट में आवेदन,

– गौरतलब है कि सौरभ शर्मा मामले में 4 फरवरी को कोर्ट करेगा आवेदन पर सुनवाई,
सौरभ शर्मा के पास बड़े लोगों के नाम है, इसलिए वह उसकी हत्या करवा सकते हैं, सौरभ के वकील राकेश पाराशर कहते हैं कि
मेरा सरकार और लोकायुक्त पुलिस से निवेदन है सौरभ को इंटेरोगेशन में सुरक्षा दी जाए,
इंटेरोगेशन के दौरान उसकी वीडियो ग्राफी भी कराई जाए,
जो संपत्ति अब तक मिली है, वह उसकी है या किसी और की यह जांच का विषय है –

बातचीत –
राकेश पाराशर-
एडवोकेट सौरभ शर्मा .

– आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के वकील राकेश पाराशर ने उन सभी आरोप और जांच एजेंसियों के तथ्यों को नकार दिया है।
जिसमें सौरभ शर्मा का दुबई में 150 करोड़ का फ्लैट सहित 1000 करोड़ की संपत्ति होने का दावा किया जा रहा है ..जबकि एडवोकेट राकेश पाराशर खुलेआम कहते हैं कि इस तरह के मामलों में पुलिस सुरक्षा में ही यानी कस्टोडियन में ही हत्या होती हैं ..लेकिन पुलिस और लोकायुक्त जैसी एजेंसी जांच में बच जाती हैं…
ग्वालियर चंबल संभाग का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यहां तो पुलिस कस्टडी में ही डकैत और आरोपियों की हत्याएं हुई हैं …इसलिए रिमांड अवधि 4 फरवरी और उसके बाद भी सौरभ को पर्याप्त विशेष सुरक्षा दी जाए..

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