शुभारंभ के अगले दिन ही बंद मिला दिव्यांग सहायता केंद्र

ग्वालियर । दिव्यांगों के लिए काम करने वाली ग्वालियर महानगर में अनेक संस्थाएं हैं। लेकिन उन संस्थाओं की असली हकीकत क्या है ये देख कर ही पता लगता है। अभी ताजा मामला रविवार की शाम का है। दिव्यांगों के हितों के लिए और उनके संरक्षण के लिए काम करने का दंभ भरने वाली राष्ट्रीय स्तर की संस्था सक्षम ने जयारोग्य अस्पताल परिसर की सेवा भारती को प्रदत्त परिसर में दिव्यांगों के सहायतार्थ एक सहायता केंद्र की शुरुआत रविवार 30 जून की शाम को की थी।

जिसका शुभारंभ बाकायदा ग्वालियर के नवनिर्वाचित महापौर विवेक नारायण शेजवलकर के द्वारा कराया गया था। सक्षम पदाधिकारियों का कहना था कि यहां दिव्यांगों की सहायता के लिए सुबह से शाम तक वॉलिंटियर्स और स्टाफ नियुक्त रहेगा।

लेकिन जब हमा ने इस दिव्यांग सहायता केंद्र की हकीकत जानी तो मौके पर पाया कि इस दिव्यांग सहायता केंद्र पर सुबह 9:00 से 12:00 बजे तक सेवाएं उपलब्ध कराने का दावा किया गया था। जिसमें दिव्यांगों को भर्ती कराने से लेकर उनके लिए सरकार की योजनाएं और अन्य कार्य करने व उसके दावे किए गए थे।

लेकिन शुभारंभ के अगले ही दिन यानी कि आज जब हमारी टीम वहां पहुंची तो ना तो वहां कोई सहायक मिला और न स्टॉफ और तो और उस दिव्यांग सहायता केंद्र के पास एक बैनर जरूर लगा था।

लेकिन जिस रैंप से होकर प्रवेश का रास्ता जाता है उस द्वार पर ताला लटका हुआ था। भीतर से जाकर दूसरे परिसर से देखा गया तो वहां कोई जिम्मेदार व्यक्ति मौजूद नहीं था बाद में वहां की सफाई कर्मी और केयरटेकर से बात की गई तो उसका कहना था कि कल शुभारंभ जरूर हो गया था। लेकिन आज सुबह से इस केंद्र पर कोई खैर खबर लेने नहीं आया है।

हमारी टीम के पहुंचने की खबर मिलने पर केयरटेकर जरूर कुछ देर बाद पहुंचा तो उसका भी यही जवाब था कि अभी शुभारंभ हो गया है। व्यवस्थाएं जमाने में अभी चार-पांच दिन और लग जाएंगे।

लेकिन सक्षम संस्था जो कि राष्ट्रीय स्तर पर अपने आप को दिव्यांगों के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने का दंभ भरती है। उसकी इस तरह की लापरवाही कि शुभारंभ के अगले दिन ही ताले लगे मिले। दिव्यांगों के साथ एक छलावा ही नजर आता है।

सक्षम संस्था द्वारा कल जयारोग्य हॉस्पिटल के आश्रय भवन में रविवार को दिव्यांग सेवा केंद्र का शुभारंभ हुआ। इसमें शहर से आने वाले दिव्यांगों एवं बाहर से आने वाले सभी दिव्यांगों की सेवा हेतु शिक्षण संस्था के सदस्य एवं एनएसएस के स्वयं सेवक मिलकर मदद करेंगे। इससे शहर के करीब 12000 से अधिक दिव्यांगों को लाभ मिलेगा इसके साथ ही बाहर से आने वाले दिव्यांग भी इस केंद्र के माध्यम से अपनी समस्या के समाधान में मदद प्राप्त कर सकते हैं।

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