
ग्वालियर/ नेत्रहीन लोगों के जीवन में अंधेरे को दूर कर प्रकाश उत्पन्न करने के लिये नेत्रदान करना चाहिए। ताकि उन लोगों का जीवन अंधकारमय न रहे। सभी अपनी क्षमता का शतप्रतिशत उपयोग करते हुए विकास में पूर्ण भागीदार बने। नेत्रदान करना सबसे बड़ा पुण्य है। सभी को इस दिशा में कार्य करने के लिए आगे आना चाहिए। यह बात प्रदेश की नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने नेत्रदान पखवाड़े के शुभारंभ कार्यक्रम में कही।
जिला चिकित्सालय प्रसूतिगृह मुरार में शनिवार को सक्षम संस्था द्वारा राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित नगरीय विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अंधेरे में रोशनी फैलाना बड़ा ही पुण्य का काम है। उन्होंने कहा सक्षम संस्था द्वारा इस दिशा में किया जा रहा कार्य सराहनीय है। उन्होंने कहा समाज के प्रति हम सभी का दायित्व है, जिसे पूरा करने के लिए हमें तत्पर रहना चाहिए।
नगरीय विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि नेत्रहीन व्यक्ति हमारे देश में अधिक हैं। आज चिकित्सा सुविधाओं के विकास ने नेत्रहीन लोगों को रोशनी देना संभव बनाया है। उन्होंने कहा देश में लगभग 109 आई बैंक हैं। परंतु आज भी सभी को सुविधा मिलना इतना सुलभ नहीं हो पाया है। इसलिए इसके प्रति जागरूकता लाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा “जीते-जीते रक्तदान और जाते-जाते नेत्रदान” के मार्ग पर चलना चाहिए।
सक्षम संस्था के जिला अध्यक्ष डॉ. आलोक पुरोहित ने बताया कि 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत नेत्रदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये टेलीफिल्म “अंधकार से प्रकाश की ओर” को लोगों तक पहुँचाया जायेगा। इसके साथ ही पोस्टर बैनरों के माध्यम से नेत्रदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए संस्था कार्य कर रही है।
स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक श्री ए के दीक्षित ने कहा नेत्रदान का उद्देश्य लोगों को रोशनी देना है। उन्होंने बताया कि इसमें कोर्निया ट्रांसप्लांट किया जाता है। यह सुविधा प्रत्येक नेत्रहीन व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए साधन संसाधनों की भी आवश्यकता होती है। प्रत्येक व्यक्ति को नेत्रदान करना चाहिए। ताकि जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल सके।
इस अवसर पर सक्षम संस्था के राष्ट्रीय सचिव श्री के.एल. श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मृदुल सक्सेना, डॉ. गजराज सिंह गुर्जर सहित चिकित्सालय के चिकित्सक एवं महिलाएं उपस्थित थीं।
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