Aap–आप पार्टी की दस्तक के साथ  संशय– पार्टी के झंडा वरदारों को दूर रखोगे, तो कैसे फतह होगा मिशन 23..

आप पार्टी की दस्तक के साथ  संशय–
पार्टी के झंडा वरदारों को दूर रखोगे, तो कैसे फतह होगा मिशन 23..
— मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में आम आदमी पार्टी के शंखनाद और दस्तक को लेकर जहां बीजेपी और कांग्रेस में राजनीतिक रूप से खलबली मची हुई है ।वही आप पार्टी के अंदर खाने में भी खींचतान नजर आ रही है। यह नजारा 1 जुलाई को आप पार्टी के संस्थापक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ग्वालियर दौरे से जोड़कर देखा जा रहा है ।जहां आप पार्टी के स्थानीय नेताओं और पदाधिकारियों को तवज्जो नहीं दिए जाने का मामला तूल पकड़ रहा है।
– ग्वालियर चंबल संभाग की 34 विधानसभा सीटों को लेकर जहां बीजेपी और कांग्रेस अपने अलग-अलग दावे कर रही है ।वही आप पार्टी ने भी अंचल में अपनी दस्तक देते हुए 1 जुलाई शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की मेला ग्राउंड में आम सभा और कार्यकर्ता बैठक आयोजित की है। बड़े नेताओं के दौरे की तैयारियों को लेकर जब आप पार्टी  की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल और दिल्ली और पंजाब से आए आप पार्टी के विधायक पत्रकार वार्ता लेने के लिए बैठे तो पूरी स्थिति साफ हो गई ..क्योंकि पत्रकार वार्ता की डाइस पर ग्वालियर चंबल संभाग में पिछले सालों से आप पार्टी का झंडा लेकर घूम रही मानिक्षा सिंह तोमर और रुचि राय गुप्ता को बिठाया तक नहीं गया… यह दूरियां और स्थानीय नेताओं को दूर रखने की कवायद अब कांग्रेस और बीजेपी के लिए भी मुद्दा बन गई है ।
बातचीत
–लोकेंद्र पाराशर -प्रदेश मंत्री- बीजेपी
— आर पी सिंह- प्रदेश मीडिया प्रभारी- कॉन्ग्रेस
–बहरहाल आप पार्टी ने अपने दो बड़े नेताओं के दमखम पर ग्वालियर चंबल संभाग में  दस्तक तो दे दी है.. लेकिन अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में दावेदारी कर रहे प्रत्याशियों को पार्टी के बड़े नेताओं के कार्यक्रम से दूर रखने की रणनीति शायद आप पार्टी के जनाधार को कम करने में सहायक हो.. क्योंकि जो दावेदार हैं और जो पार्टी के झंडा बरदार हैं… उन्हीं को दूर रखा जाएगा तो आम कार्यकर्ता को पार्टी कैसे जोड़ पाएगी… और विधानसभा चुनाव में अच्छे परिणाम कैसे ला पाएगी.. यह संशय बना हुआ है..
 (जावेद खान..)
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Post Author: Javed Khan