राजाधिराज बाबा महाकाल निकले अपनी प्रजा का हाल जानने…

राजाधिराज बाबा महाकाल निकले अपनी प्रजा का हाल जानने..

आज बाबा महाकाल की चौथी सवारी निकली..

बढ़ी संख्या में पहुंचे भक्त, अपनी प्रजा का हाल जाना राजा अवंतिका नाथ ने..

Ujjain–महाकालेश्वर मंदिर से शाम को राजा अधिराज बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने निकले। श्रावण माह की चौथी सवारी में उमा महेश के रूप में दर्शन दिए महाकाल ने। नंदी रथ पर उमा महेश स्वरूप का मुखारविंद शामिल हुआ। बाबा महाकाल की सवारी के बढ़ते क्रम में एक नया मुखारविंद सवारी के साथ शामिल होता है। इस बार अधिकमास होने से बाबा महाकाल की दस सवारी निकलेगी।

—श्री महाकालेश्वर मंदिर से सोमवार 31 जुलाई को शाम चार बजे बाबा महाकाल की चौथी सवारी निकली। इस दौरान चांदी की पालकी में चंद्रमौलिश्वर और हाथी पर मनमहेश की प्रतिमा, गरूड़ पर सवार भगवान शिव तांडव की प्रतिमा के साथ नंदी रथ पर उमा महेश के मुखारविंद शामिल रहे। सवारी निकलने से पहले महाकालेश्वर मंदिर स्थित सभा मंडप में विधिवत भगवान का पूजन-अर्चन हुआ। महाकाल मंदिर से शाम चार बजे शाही ठाठ-बाट के साथ भगवान महाकाल की सवारी निकली। मंदिर के द्वार पर बाबा महाकाल को गार्ड ऑफ़ ऑनर देने के बाद सवारी मंदिर से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी।

यहां शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजन अर्चन किया जाएगा। पूजन के बाद सवारी परंपरागत मार्ग से होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।

श्रावण-भादो माह में निकलने वाली सवारी के दौरान बाबा महाकाल चांदी की पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर प्रजा का हाल जानने निकलते है।

भगवान महाकाल राजा स्वरूप में विराजित होते है। यही कारण है कि उज्जयिनी के राजाधिराज को मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल की टुकड़ी द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। इसके बाद सवारी नगर भ्रमण के लिए रवाना होती है। इसी तरह शिप्रा तट पर पूजन के बाद भगवान महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। सिंधिया रियासत के समय से ही यह परंपरा चली आ रही है। उज्जैन में महाकाल को ही राजा माना जाता है।

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Post Author: Javed Khan