Airport–तरक्की की नई उड़ान भरेगा नया एयरपोर्ट.. –नये साल में मिलेगी शहरवासियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के अत्याधुनिक नवीन टर्मिनल की सौगात, करीब दो दर्जन शहरों से होगा जुड़ाव…

तरक्की की नई उड़ान भरेगा नया एयरपोर्ट..

–नये साल में मिलेगी शहरवासियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के अत्याधुनिक नवीन टर्मिनल की सौगात, करीब दो दर्जन शहरों से होगा जुड़ाव…

— *देश-विदेश के पर्यटकों के आने से अंचल में बढें़गे रोजगार के अवसर, स्थानीय लोगों की आय बढ़ने से जीवन में आएगा बेहतर बदलाव*

*बदलता ग्वालियर : डॉ. केशव पाण्डेय*

*आधुनिक युग में शहर ही…तरक्की, नयापन और रचनात्मकता के केंद्र होते हैं। शहरीकरण की रफ्तार खासी तेजी से बढ़ रही है और उसी गति से विकास भी हो रहा है। विकास ही शहर और देश की अर्थव्यवस्था की प्रगति का वाहक है। सबसे महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय बात यह है कि किसी भी शहर की तरक्की में परिवहन का विशेष महत्व होता है। सड़क, रेल और वायुमार्ग एक साथ जुड़ने से शहर तेजी से विकास की उड़ान भरने के संग ही तरक्की की राह पर दौड़ने लगता है। क्योंकि ये तीनों मार्ग परिवहन के सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख साधन हैं। ग्वालियर विकास की रफ्तार पकड़ रहा है और बेहतर भविष्य के लिए नये आयाम गढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट तेजी से विकास की उड़ान भरते शहर के भविष्य की वो तस्वीर है, जब यह आकार लेगी तो ग्वालियर देश ही नहीं विदेश में अपनी अलग छाप छोड़ेगा। तरक्की की कल्पना को साकार करने वाले टर्मिनल की वास्तविक तस्वीर से रू-ब-रू कराती खास रिपोर्ट….

21वीं सदी में तरक्की की राह पर खड़े ग्लोबल होते ग्वालियर के विकास में एक नया आयाम जुड़ने जा रहा है। आने वाले नये साल के पहले ही महीने में शहर को राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे की सौगात जो मिलेगी। ग्वालियर-चंबल अंचल की तरक्की की नई इबारत लिखने वाला नया एयरपोर्ट नये साल में जनता के लिए समर्पित हो जाएगा। 450 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस नये टर्मिलन का 20 हजार 230 स्क्वायर मीटर में निर्माण किया जा रहा है। ग्रीन रेटिंग फोर इंटीग्रेटेड हैबिटेड असेसमेंट (ग्रीहा) की फाइव स्टार रेटिंग वाले इस नये टर्मिनल का 92 फीसदी काम हो गया है। 31 दिसंबर तक निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। टर्मिनल भवन का निर्माण आधुनिक सुविधाओं और नवीन प्रौद्योगिकी के साथ किया गया है।
दो नये रन-वे बनाए गए हैं, जहां ए-320 सीरीज की 9 एयरबस और और क्यू 400 एयरक्राफ्ट की चार सीरिज का संचालन आसानी से हो सकेगा। टर्मिनल में यात्रियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए एयरोब्रिज की सुविधाएं उपलब्ध रहेगी। यात्रियों के लिए एंट्री गेट पर हाई सिक्युरिटी का इंतजाम रहेगा। एयरोब्रिज, लिफ्ट, एक्सेलेटर की सुविधा मिलेगी। शिशु देखभाल कक्ष और अन्य सुविधाएं मिलेंगी। यात्रियों के लिए ब्रांडेड कंपनियों के रिटेल आउटलेट होंगे। साथ ही रेस्ट्रा में लजीज भोजन का स्वाद भी ले सकेंगे।
विशाल एवं व्यवस्थित ग्रीन पार्क वाला पार्किंग जोन होगा। जहां 400 कारों को पार्क किया जा सकेगा। पीक ऑवर के दौरान यातायात के सुचारू संचालन के लिए छह लेन की प्रवेश और निकास की उच्च स्तरीय सड़क का निर्माण किया गया है। पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण और सौंद्रयीकरण कर उसे सुसज्जित किया गया है। यात्रियों को हॉलिडे इन एक्सप्रेस के साथ या ट्रांजिट स्लीपिंग पॉड्स में प्रीमियम लाउंज की सुविधा मिलेगी।
*संस्कृति, सभ्यता के होंगे दर्शन :* एयरपोर्ट पर आने-जाने वाले लोग ग्वालियर के प्राचीन इतिहास के साथ ही संस्कृति, संभ्यता और संगीत के साथ विरासत से रूबरू हो सकेंगे। संगीत की थीम पर बनने वाला टर्मिनल तानसेन की प्रतिमा के साथ विभिन्न वाद्ययंत्र की कलाकृतियों से सुसज्जित होगा। इसके अलावा ग्वालियर किला, मोती महल, तेली का मंदिर और चंदेरी के हैंडलूम की झलक देखने को मिलेगी।
टर्मिनल के शुरू होने पर प्रदेश व देश के विभिन्न शहरों के लिए सीधी उड़ान मिलेगी। मौजूदा स्थिति में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बैंगलूरु, इंदौर, जम्मू और हैदराबाद के लिए सेवाएं उपलब्ध हैं। निकट भविष्य में अहमदाबाद, पुणे, गोवा, वाराणसी, प्रयागराज, भुवनेश्वर, नांदेड़ व भोपाल सहित अन्य शहरों के लिए नियमित सीधी उड़ानें मिल सकेंगीं। सीधी सी बात यह है कि नये टर्मिनल के शुरू होने यहां से प्रदेश व देश के करीब 16 से 20 नये शहरों के लिए सीधी उड़ान मिल सकेगी।
प्रस्तावित लॉजिस्टिक हब और एयरपोर्ट के आपस में जुड़ने से शहर में रोजगार की अपार संभावनाएं बनेंगी। शहर से एयरपोर्ट जाने के लिए यात्रियों के लिए एसी बसें चलाईं जाएंगी। टर्मिनल के लिए स्थानीय स्तर पर नये पदों का सृजन होने से रोजगार के असवर बढ़ेंगे। युवाओं को रोजगार मिल सकेगा।
*विजन होगा साकार :* गौरतलब है कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सितंबर 2021 में कलेक्ट्रेट में अधिकारियों के साथ विजन डाक्यूमेंट पर चर्चा के दौरान अपनी भावना से अवगत कराते हुए कहा था कि “ग्वालियर का विकास मेरा सपना है।“ साथ ही यह भी कहा था कि मेरे पिताजी माधवराव सिंधिया का भी यही सपना था कि ग्वालियर में एक अत्याधुनिक एयरपोर्ट बने, जिसे दुनिया देखे। क्योंकि मेरी दादी का नाम इससे जुड़ा है। इसीलिए एक विश्वस्तरीय एयरपोर्ट बनाना मेरा दायित्व ही नहीं धार्मिक कर्तव्य भी है। यही कारण है कि आत्मनिर्भर एवं सांस्कृतिक थीम पर ग्वालियर का विजन डॉक्यूमेंट तैयार कराया गया है। ग्लोबल ग्वालियर की अवधारणा को मूर्त रूप देने में यह एयरपोर्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। क्योंकि इससे बनने से अंचल से लाखों यात्री हवाई यात्राएं कर सकेंगे। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के मुताबिक यात्रियों की संख्या के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू एविएशन बाजार बन जाएगा। कंसल्टैंसी कंपनी कैपा के अनुसार अगले सात यानी 2023 तक देश में 50 करोड़ से अधिक घरेलू हवाई यात्राएं होंगी। जबकि एयरोस्पेस फर्म एयरबस के अनुसार 2042 तक भारत में 100 करोड़ से ज्यादा लोग हवाई यात्राएं करेंगे।
— *इतिहास रचेगा सिंधिया परिवार :* एक कहावत है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है। अब इसे महज इत्तेफाक कहें या फिर इतिहास की पुनरावृति। क्योंकि 37 साल पहले सात सितंबर 1986 को माधवराव सिंधिया ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया टर्मिनल का शिलान्यास किया था। 27 सितंबर 1991 को संयोगवश नागरिक उड्डयन मंत्री रहते हुए स्वयं ही इस टर्मिनल का शुभारंभ भी किया। 2022 में जब इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के नवीन टर्मिनल का भूमिपूजन समारोह हुआ तो माधवराव सिंधिया के पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मिलकर इसकी आधारशिला रखी। …वह दिन दूर नहीं जब जनवरी 2024 में स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया नागरिक उड्डयन मंत्री के तौर पर नये टर्मिनल का शुभारंभ करेंगे। तब यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि सिंधिया परिवार पुनः इतिहास दोहराएगा। कह सकते हैं कि एक बार फिर इतिहास रचेगा सिंधिया परिवार और पूरा ग्वालियर इसका साक्षी बनेगा।

( *लेखक सांध्य समाचार के प्रधान संपादक हैं )

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Post Author: Javed Khan