गूँजे बोल—ध्रुव कंठ स्वरोदगार”— तानसेन समारोह-2023— संगीतधानी ग्वालियर में विश्व संगीत समागम तानसेन समरोह का शुभारंभ .

तानसेन समारोह-2023–

गूँजे बोल—ध्रुव कंठ स्वरोदगार”

संगीतधानी ग्वालियर में विश्व संगीत समागम तानसेन समरोह का शुभारंभ .

ग्वालियर दुर्ग के ऐतिहासिक मानसिंह महल की थीम पर बने भव्य मंच पर सज रही हैं संगीत सभाएँ …

ग्वालियर / संगीतधानी ग्वालियर में रविवार की सांध्यबेला में विश्व संगीत समागम “तानसेन समारोह” की मुख्य सभाओं का शुभारंभ हुआ। जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती दुर्गेश कुंअर सिंह जाटव, राज्य शासन के संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला, संचालक संस्कृति विभाग श्री अदिति कुमार त्रिपाठी, निदेशक उस्ताद अलाउद्दीन खां कला एवं संगीत अकादमी श्री जयंत माधव भिसे एवं राजा मान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. साहित्य कुमार नाहर सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर इस साल के तानसेन समारोह का शुभारंभ किया।

यहाँ हजीरा स्थित सुर सम्राट तानसेन की समाधि के समीप ग्वालियर दुर्ग के ऐतिहासिक मानसिंह महल की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर शास्त्रीय संगीत के देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव तानसेन समारोह की संगीत सभाएँ सज रहीं हैं।
इस साल के तानसेन समारोह की पहली संगीत सभा की शुरूआत पारंपरिक रूप से स्थानीय माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के आचार्यों व विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत प्रशस्ति एवं ध्रुपद गायन के साथ हुई। डॉ. वीणा जोशी के निर्देशन में रागमाला (राग धनाश्री, गौरी, यमन व खमाज) में प्रस्तुत प्रशस्ति के बोल थे “ध्रुव कंठ स्वरोदगार”। इसके बाद राग “शंकरा” में एक ध्रुपद बंदिश पेश की, जिसके बोल थे – “शिव शंकर महेश्वर आदिदेव महादेव” । तबले पर डॉ. विनय बिन्दे व डॉ. प्रणव पराड़कर और वायोलिन पर श्री अंकुर धारकर व श्री अनिकेत तारलेकर ने संगत की।

सोमवार की सांध्य बेला में होगा अलंकरण समारोह का आयोजन ..

तानसेन समारोह के तहत अलंकरण समारोह 25 दिसम्बर को सायंकाल आयोजित होगा। शास्त्रीय संगीत के देश के मूर्धन्य गायक पं. गणपति भट्ट हासणगि धारवाड़ को वर्ष 2022 के तानसेन सम्मान से अलंकृत किया जायेगा।

साथ ही वर्ष 2022 का राजा मानसिंह तोमर सम्मान उज्जैन के मालव लोक कला केन्द्र को प्रदान किया जायेगा।

25 दिसम्बर को इनकी प्रस्तुतियाँ होंगीं…

प्रात:कालीन सभा …

इस सभा का शुभारंभ राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। सभा में श्री सुमित आनंद दिल्ली का ध्रुपद गायन, श्री ईशान घोष मुम्बई का तबला वादन, श्रीमती मधुमिता भट्टाचार्य उपाध्याय वाराणसी का गायन और उस्ताद लतीफ खाँ मुम्बई व उस्ताद सरवर हुसैन कोलकता की सारंगी जुगलबंदी की प्रस्तुति होगी।

सायंकालीन सभा …

इस सभा का आरंभ तानसेन संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा।
इस सभा में विनय रामदासन पुणे का गायन, सुविख्यात शास्त्रीय गायक आनंद कुमार मलिक दिल्ली का गायन, श्री अखिलेश गुंदेचा एवं साथियों द्वारा पखावज वृंद वादन, श्री भाग्येश मराठे पुणे का गायन और मूर्धन्य गायक पद्मश्री पं. उल्हास कसालकर पुणे का गायन होगा।

संगीतधानी ग्वालियर में विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह का शुभारंभ …

ग्वालियर दुर्ग के ऐतिहासिक मानसिंह महल की थीम पर बने भव्य मंच पर सज रही हैं संगीत सभाएँ …

ग्वालियर / संगीतधानी ग्वालियर में रविवार की सांध्यबेला में विश्व संगीत समागम “तानसेन समारोह” की मुख्य सभाओं का शुभारंभ हुआ। जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती दुर्गेश कुंअर सिंह जाटव, राज्य शासन के संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला, संचालक संस्कृति विभाग श्री अदिति कुमार त्रिपाठी, निदेशक उस्ताद अलाउद्दीन खां कला एवं संगीत अकादमी श्री जयंत माधव भिसे एवं राजा मान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. साहित्य कुमार नाहर सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर इस साल के तानसेन समारोह का शुभारंभ किया।

यहाँ हजीरा स्थित सुर सम्राट तानसेन की समाधि के समीप ग्वालियर दुर्ग के ऐतिहासिक मानसिंह महल की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर शास्त्रीय संगीत के देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव तानसेन समारोह की संगीत सभाएँ सज रहीं हैं।
इस साल के तानसेन समारोह की पहली संगीत सभा की शुरूआत पारंपरिक रूप से स्थानीय माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के आचार्यों व विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत प्रशस्ति एवं ध्रुपद गायन के साथ हुई। डॉ. वीणा जोशी के निर्देशन में रागमाला (राग धनाश्री, गौरी, यमन व खमाज) में प्रस्तुत प्रशस्ति के बोल थे “ध्रुव कंठ स्वरोदगार

तानसेन समारोह-2023—

संगीतधानी ग्वालियर में विश्व संगीत समागम तानसेन समरोह का शुभारंभ .

ग्वालियर दुर्ग के ऐतिहासिक मानसिंह महल की थीम पर बने भव्य मंच पर सज रही हैं संगीत सभाएँ …

ग्वालियर / संगीतधानी ग्वालियर में रविवार की सांध्यबेला में विश्व संगीत समागम “तानसेन समारोह” की मुख्य सभाओं का शुभारंभ हुआ। जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती दुर्गेश कुंअर सिंह जाटव, राज्य शासन के संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला, संचालक संस्कृति विभाग श्री अदिति कुमार त्रिपाठी, निदेशक उस्ताद अलाउद्दीन खां कला एवं संगीत अकादमी श्री जयंत माधव भिसे एवं राजा मान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. साहित्य कुमार नाहर सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर इस साल के तानसेन समारोह का शुभारंभ किया।

यहाँ हजीरा स्थित सुर सम्राट तानसेन की समाधि के समीप ग्वालियर दुर्ग के ऐतिहासिक मानसिंह महल की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर शास्त्रीय संगीत के देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव तानसेन समारोह की संगीत सभाएँ सज रहीं हैं।
इस साल के तानसेन समारोह की पहली संगीत सभा की शुरूआत पारंपरिक रूप से स्थानीय माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के आचार्यों व विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत प्रशस्ति एवं ध्रुपद गायन के साथ हुई। डॉ. वीणा जोशी के निर्देशन में रागमाला (राग धनाश्री, गौरी, यमन व खमाज) में प्रस्तुत प्रशस्ति के बोल थे “ध्रुव कंठ स्वरोदगार”। इसके बाद राग “शंकरा” में एक ध्रुपद बंदिश पेश की, जिसके बोल थे – “शिव शंकर महेश्वर आदिदेव महादेव” । तबले पर डॉ. विनय बिन्दे व डॉ. प्रणव पराड़कर और वायोलिन पर श्री अंकुर धारकर व श्री अनिकेत तारलेकर ने संगत की।

सोमवार की सांध्य बेला में होगा अलंकरण समारोह का आयोजन ..

तानसेन समारोह के तहत अलंकरण समारोह 25 दिसम्बर को सायंकाल आयोजित होगा। शास्त्रीय संगीत के देश के मूर्धन्य गायक पं. गणपति भट्ट हासणगि धारवाड़ को वर्ष 2022 के तानसेन सम्मान से अलंकृत किया जायेगा।

साथ ही वर्ष 2022 का राजा मानसिंह तोमर सम्मान उज्जैन के मालव लोक कला केन्द्र को प्रदान किया जायेगा।

25 दिसम्बर को इनकी प्रस्तुतियाँ होंगीं…

प्रात:कालीन सभा …

इस सभा का शुभारंभ राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। सभा में श्री सुमित आनंद दिल्ली का ध्रुपद गायन, श्री ईशान घोष मुम्बई का तबला वादन, श्रीमती मधुमिता भट्टाचार्य उपाध्याय वाराणसी का गायन और उस्ताद लतीफ खाँ मुम्बई व उस्ताद सरवर हुसैन कोलकता की सारंगी जुगलबंदी की प्रस्तुति होगी।

सायंकालीन सभा …

इस सभा का आरंभ तानसेन संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा।
इस सभा में विनय रामदासन पुणे का गायन, सुविख्यात शास्त्रीय गायक आनंद कुमार मलिक दिल्ली का गायन, श्री अखिलेश गुंदेचा एवं साथियों द्वारा पखावज वृंद वादन, श्री भाग्येश मराठे पुणे का गायन और मूर्धन्य गायक पद्मश्री पं. उल्हास कसालकर पुणे का गायन होगा।

”। इसके बाद राग “शंकरा” में एक ध्रुपद बंदिश पेश की, जिसके बोल थे – “शिव शंकर महेश्वर आदिदेव महादेव” । तबले पर डॉ. विनय बिन्दे व डॉ. प्रणव पराड़कर और वायोलिन पर श्री अंकुर धारकर व श्री अनिकेत तारलेकर ने संगत की।

सोमवार की सांध्य बेला में होगा अलंकरण समारोह का आयोजन ..

तानसेन समारोह के तहत अलंकरण समारोह 25 दिसम्बर को सायंकाल आयोजित होगा। शास्त्रीय संगीत के देश के मूर्धन्य गायक पं. गणपति भट्ट हासणगि धारवाड़ को वर्ष 2022 के तानसेन सम्मान से अलंकृत किया जायेगा।

साथ ही वर्ष 2022 का राजा मानसिंह तोमर सम्मान उज्जैन के मालव लोक कला केन्द्र को प्रदान किया जायेगा।

25 दिसम्बर को इनकी प्रस्तुतियाँ होंगीं…

प्रात:कालीन सभा …

इस सभा का शुभारंभ राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। सभा में श्री सुमित आनंद दिल्ली का ध्रुपद गायन, श्री ईशान घोष मुम्बई का तबला वादन, श्रीमती मधुमिता भट्टाचार्य उपाध्याय वाराणसी का गायन और उस्ताद लतीफ खाँ मुम्बई व उस्ताद सरवर हुसैन कोलकता की सारंगी जुगलबंदी की प्रस्तुति होगी।

सायंकालीन सभा …

इस सभा का आरंभ तानसेन संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा।
इस सभा में विनय रामदासन पुणे का गायन, सुविख्यात शास्त्रीय गायक आनंद कुमार मलिक दिल्ली का गायन, श्री अखिलेश गुंदेचा एवं साथियों द्वारा पखावज वृंद वादन, श्री भाग्येश मराठे पुणे का गायन और मूर्धन्य गायक पद्मश्री पं. उल्हास कसालकर पुणे का गायन होगा।

0Shares

Post Author: Javed Khan