तानसेन समारोह 2021

 

तानसेन समारोह-2021

ग्वालियर की फिज़ा पाँच दिनों तक सुरों की बारिश से सराबोर रहेगी

भारतीय शास्त्रीय संगीत का शीर्षस्थ महोत्सव विश्व संगीत समागम “तानसेन समारोह” आज से

मुख्यमंत्री श्री चौहान के मुख्य आतिथ्य में होगा समारोह का भव्य शुभारंभ

केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर व श्री सिंधिया एवं संस्कृति मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर सहित प्रदेश के
अन्य मंत्रिगण होंगे शामिल

ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक सिद्धेश्वर मंदिर ओंकारेश्वर की थीम पर बने भव्य मंच पर बैठकर
संगीत सम्राट को स्वरांजलि अर्पित करेंगे

मूर्धन्य कलाकार होंगे कालिदास अलंकरण से विभूषित

ग्वालियर की फिजा पाँच दिनों तक सुर, ताल व राग की बारिश में सराबोर रहेगी। भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव एवं विश्व संगीत समागम “राष्ट्रीय तानसेन समारोह” संगीत की नगरी ग्वालियर में 26 दिसम्बर से शुरू होकर 30 दिसम्बर तक आयोजित होगा। विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह में देश और दुनिया के ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक हजीरा स्थित तानसेन समाधि परिसर में सिद्धेश्वर मंदिर ओंकारेश्वर की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर बैठकर संगीत सम्राट तानसेन को स्वरांजलि अर्पित करेंगे।
तानसेन समारोह की पारंपरिक शुरूआत 26 दिसम्बर को प्रात: 9 बजे तानसेन समाधि पर शहनाई वादन, हरिकथा, मिलाद वाचन व चादरपोशी के साथ होगी।

शुभारंभ समारोह में जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह, सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर, विधायकगण सर्वश्री लाखन सिंह यादव, प्रवीण पाठक, सतीश सिकरवार व श्री सुरेश राजे विशिष्टि अतिथि के रूप में आमंत्रित किए गए हैं।
तानसेन समारोह में देश के मूर्धन्य कलाकारों को राष्ट्रीय कालिदास सम्मान से भी अलंकृत किया जाएगा। राज्य शासन के संस्कृति विभाग के अंतर्गत उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी द्वारा तानसेन समारोह का आयोजन किया जाता है।
तानसेन समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम में सुविख्यात सितारवादक पं. कार्तिक कुमार मुम्बई और देश के जाने-माने घटम वादक पं. विक्कू विनायकम को राष्ट्रीय कालिदास सम्मान से अलंकृत किया जायेगा।

हरिकथा व मिलाद गायन से होगा पारंपरिक शुभारंभ

गान महर्षि तानसेन की स्मृति में आयोजित होने वाले “तानसेन समारोह” के अपने अलग ही रंग हैं । समारोह के शुभारंभ दिवस को प्रात: काल में तानसेन की समाधि पर सामाजिक समरसता के सजीव दर्शन होते हैं । इस बार भी 26 दिसम्बर को प्रात: काल 10 बजे पारंपरिक रूप से ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा, कामिल हजरत द्वारा मिलाद गायन व जनाब मजीद खाँ के शहनाई वादन के साथ “तानसेन समारोह” का पारंपरिक शुभारंभ होगा। इस अवसर पर मोहम्मद गौस एवं संगीत सम्राट तानसेन की मजार पर पारंपरिक रूप से चादरपोशी भी होगी।

कुल 9 संगीत सभाएँ सजेंगीं

इस बार के तानसेन समारोह में कुल 9 संगीत सभायें होंगी। पहली 7 संगीत सभायें सुर सम्राट तानसेन की समाधि एवं मोहम्मद गौस के मकबरा परिसर में सिद्धेश्वर मंदिर ओंकारेश्वर की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर सजेंगीं। समारोह की आठवीं एवं प्रात:कालीन सभा सुर सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट में झिलमिल नदी के किनारे सजेगी। समारोह की नौवीं एवं आखिरी संक्षिप्त संगीत सभा का आयोजन 30 दिसम्बर को सायंकाल किला परिसर स्थित गूजरी महल में होगा। मालूम हो शास्त्रीय संगीत के महान पोषक राजा मानसिंह तोमर की प्रेयसी मृगनयनी गूजरी महल में ही सुर सम्राट तानसेन से संगीत का प्रशिक्षण प्राप्त करती थीं। इसी बात को ध्यान में रखकर गूजरी महल परिसर में समारोह की अंतिम संगीत सभा आयोजित की जाती है। तानसेन समारोह की प्रात:कालीन संगीत सभाएं प्रात: 10 बजे और सायंकालीन सभाएं सायंकाल 6 बजे शुरू होंगीं।

इस बार भी विश्व संगीत की प्रस्तुतियाँ होंगी आकर्षण का केन्द्र

इस बार के संगीत समारोह में भी गत वर्ष की भाँति विश्व संगीत को भी शामिल किया गया है। समारोह में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विदेशी संगीत साधक प्रस्तुतियाँ देंगे। इनमें ब्राजील, अर्जेंटीना, फ्रांस, स्पेन, रसिया व इजराहल आदि देशों के स्थापित कलाकार शामिल हैं।

प्रथम सभा 26 दिसम्बर (सायंकाल) – तानसेन समाधि स्थल

तानसेन सम्मान से विभूषित कलाकार की प्रस्तुति होगी। इस सभा में कालिदास सम्मान से सम्मानित पं. विक्कू विनायकम चैन्नई का घटम वादन, उदय भवालकर पुणे का ध्रुपद गायन एवं नीलाद्रि कुमार मुम्बई का सितार वादन होगा। सभा का शुभारंभ शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा।

द्वितीय सभा (प्रात:काल) – 27 दिसम्बर

श्री तेजस विंचूरकर एवं सुश्री मिताली खरगोणकर विंचूरकर मुम्बई की बांसुरी-तबला जुगलबंदी, श्री मनोज सराफ इंदौर का ध्रुपद गायन, विश्व संगीत के तहत श्री पाब्लो जी ब्राजील की प्रस्तुति, श्री संजय गरूण पुणे का गायन एवं श्री भारत भूषण गोस्वामी दिल्ली का सारंगी वादन होगा। इस सभा का शुभारंभ राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा।

तृतीय सभा (सायंकाल) – 27 दिसम्बर

विश्व संगीत के तहत दोसिएतों आनदंते अर्जेंटीना की प्रस्तुति, पं. अभय नारायण मलिक एवं साथी दिल्ली का ध्रुपद गायन, पं. भजन सोपोरी दिल्ली का संतूर वादन, श्री राहुल देशपाण्डे मुम्बई का गायन तथा पं. अनिन्दो चटर्जी एवं अनुवृत चटर्जी कोलकला की तबला जुगलबंदी एवं सुश्री अश्विनी भिड़े देशपाण्डे का गायन होगा। इस सभा का आरंभ शंकर गांधर्व महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा।

चतुर्थ सभा (प्रात:काल) – 28 दिसम्बर

विश्व संगीत के तहत श्री मार्टिन डबास फ्रांस की प्रस्तुति, सुश्री तृप्ति कुलकर्णी इंदौर का गायन, सुश्री सुधा रघुरामन दिल्ली का कर्नाटक संगीत, श्री राहुल व श्री रोहित मिश्रा वाराणसी का युगल गायन और मैहर वाद्यवृंद का वृंद वादन होगा। इस सभा के आरंभ में भारतीय संगीत महाविद्यालय ग्वालियर की ध्रुपद प्रस्तुति होगी।

पाँचवी सभा (सायंकाल) – 28 दिसम्बर

पं. सुरेश तलवलकर पुणे का तबला वादन, विश्व संगीत के तहत अल्मुडेना डियाज एवं ए-लानोस स्पेन की प्रस्तुति, सुश्री शाश्वती मण्डल दिल्ली का गायन, सुश्री देवोप्रिया एवं सुचिस्मिता मुम्बई का बांसुरी युगल वादन एवं श्री प्रसाद खापर्डे नासिक का गायन होगा। इस सभा की शुरूआत तानसेन संगीत महाविद्यालय के ध्रुपद गायन से होगी।

छठवीं संगीत सभा (प्रात:काल) – 29 दिसम्बर

विश्व संगीत के तहत एकातेरिना एरिस्टोवा-तात्याना शान्द्रकोवा रशिया की प्रस्तुति, श्री रमाकांत गायकवाड़ मुम्बई का गायन, श्री भरत नायक ग्वालियर का सितार वादन, श्री विनोद कुमार द्विवेदी एवं श्री आयुष द्विवेदी कानपुर का युगल ध्रुपद गायन, उस्ताद सिराज अली खां कोलकता का सरोद वादन एवं सुश्री सरिता पाठक यजुर्वेदी नईदिल्ली का गायन होगा। सभा की शुरूआत ध्रुपद केन्द्र ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी।

सातवीं सभा (सायंकाल) – 29 दिसम्बर

विश्व संगीत के तहत श्री युसेफ रोहे अलौश इजराइल की प्रस्तुति, सुश्री मोनिका हितेन शाह अहमदाबाद का गायन, सुश्री तारा किनी बैंगलोर का ध्रुपद गायन, सुश्री अरूणा सांई राम दिल्ली का कर्नाटक संगीत एवं श्री सोनक अभिषेकी पुणे का गायन होगा। इस सभा का शुभारंभ साधना संगीत महाविद्यालय के ध्रुपद गायन से होगा।

आठवीं सभा (प्रात:काल) – 30 दिसम्बर – बेहट

श्री अभिषेक व्यास उज्जैन का गिटार वादन, श्री सुदीप भदौरिया ग्वालियर का ध्रुपद गायन एवं श्री संजय राठौर व साथियों का तबला वादन होगा। सभा के प्रारंभ में तानसेन कला केन्द्र बेहट का ध्रुपद गायन होगा।

नौवीं एवं अंतिम संगीत सभा (सायंकाल) – 30 दिसम्बर – गूजरी महल

सुश्री वैशाली बाकोरे इंदौर का गायन, सुश्री राधिका उमड़ेकर द्वारा विचित्र वीणा वादन एवं सुश्री सानिया पाटनकर पुणे का गायन होगा। सभा की शुरूआत शारदानाद मंदिर के ध्रुपद गायन से होगी।

वादी-संवादी में होंगे व्याख्यान

#तानसेनसमारोह की संगीत सभाओं के साथ-साथ एक अन्य महत्वपूर्ण गतिविधि “वादी-संवादी” का भी आयोजन होगा। इस आयोजन में संगीत रसिकों के विचारों से संगीत प्रेमी रूबरू होते हैं। इस साल 28 व 29 दिसम्बर को अपरान्ह 3 बजे राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में यह आयोजन होगा। वादी संवादी में 28 दिसम्बर को पं. सत्यशील देशपाण्डे का “बंदिशों में निहित सौंदर्य तत्व एक संगीतमय प्रस्तुति-सोदाहरण व्याख्यान”। इसी तरह 29 दिसम्बर को डॉ. नर्मदा प्रसाद उपाध्याय द्वारा रागमाला चित्रांकन परंपरा – प्रस्तुतिकरण पर सोदाहरण व्याख्यान दिया जायेगा।

रागमाला चित्रकला प्रदर्शनी

  • रागमाला के तहत रंगों और रेखाओं में रागमाला चित्रकला पर केन्द्रित चित्र प्रदर्शनी भी तानसेन समारोह के दौरान लगेगी। यह चित्र प्रदर्शनी 26 से 29 दिसम्बर तक मुख्य तानसेन समारोह स्थल पर लगी रहेगी। यह प्रदर्शनी कला प्रेमियों को अपनी कला के साक्षात्कार करने का माध्यम बनेगी।
0Shares

Post Author: Javed Khan

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *