सही मायने में दीन दुखियों की सेवक थी राजमाता”

सही मायने में दीन दुखियों की सेवक थी राजमाता”

व्हीआईएसएम में मनाई गई राजमाता सिंधिया की 21वीं पुण्यतिथि

ग्वालियर-/व्हीआईएसएम ग्रुप ऑफ स्ट्डीज़ में आज कैलाशवासी विजयाराजे सिंधिया जी को उनकी 21वीं पुण्यतिथि पर श्रृद्वासुमन अर्पित कर स्मरण किया गया। संस्था के चेयरमैन डॉ. सुनील राठौर, चेयरपर्सन श्रीमती सरोज राठौर, ग्रुप निदेशक डॉ. प्रज्ञा सिंह भाजपा नेता संतोष सिकरवार, पलविंदर सिंह, राहुल सिंह चौहान ने राजमाता जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रृद्वाजंली दी।

चेयरमैन डॉ. सुनील राठौर ने राजमाता के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये गए अद्वितीय प्रयासो के बारे में विचार प्रकट कियें। उन्होंने कहा कि सही अर्थो में वे दीन दुखियों की सेवक थी। शिक्षा के महत्व को समझते हुए उन्होंने न केवल विद्यालयों बल्कि विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय तक की स्थापना की। यह उन्ही कि दूरदर्शिता है कि आज ग्वालियर शहर शिक्षा के क्षेत्र में एक बडे केन्द्र के रूप में स्थापित हो चुका है।

मुझे कहते हुए बहुत प्रसन्नता होती है कि व्हीआईएसएम ग्रुप राजमाता जी द्वारा बताये मार्ग पर आगे बढ रहा है। हमारे महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने पूरे क्षेत्र में सफलता के कीर्तीमान स्थापित किये है साथ ही हमारा व्हीआईएसएम हॉस्पिटल भी आस-पास के क्षेत्रवासियों के लिये आश्य का केन्द्र बनकर उभरा है कोरोना महामारी के दौर में हॉस्पिटल द्वारा किये गए सेवा कार्य प्रंशसनीय रहें है। हम ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार चिकित्सा शिविरों का आयोजन कर रहें है ताकि स्वस्थ्य नागरिक-स्वस्थ्य भारत का सपना साकार हो सकें। यही हमारी राजमाता जी के प्रति सच्ची श्रृद्वाजंली है। इस अवसर पर समस्त महाविद्यालयों के प्राचार्य, कॉलेज एवं व्हीआईएसएम हॉस्पिटल स्टॉफ व छात्र-छात्राऐं मौजूद रहें।

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Post Author: Javed Khan

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