मध्यप्रदेश के इन दिनों सुर्खियों में चल रहे परिवहन आयुक्त के पीए सत्यप्रकाश और आयुक्त मुकेश जैन से सम्बंधित कथित भ्रष्टाचार कर मामले में हर रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं। क्राइम ब्रांच में की गई शिकायत के आधार पर पीए सत्यप्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन कुछ घण्टों की पूछताछ के बाद ही उनको छोड़ दिया गया जिसको लेकर सवाल उठ rhe hai..
– परिवहन आयुक्त के पीए सत्यप्रकाश को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर परिवहन विभाग के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और आयुक्त मुकेश जैन के कथित भ्रष्टाचार से सम्बंधित शिकायत किसी अन्य के नाम से किया जाने का आरोप है। जिसके मुताबिक पत्रकार धर्मवीर कुशवाह के नाम से डाक विभाग में 9 शिकायतें किए जाने के बाद धर्मवीर ने 12 अप्रैल को क्राइम ब्रांच में प्रकरण दर्ज कराया था । मामले की जांच पड़ताल में पोस्ट ऑफिस के वीडियो फुटेज में कमिश्नर के पीए सत्यप्रकाश शर्मा के निजी ड्राइवर अजय के फुटेज पुलिस को मिले थे । ड्राइवर के बयान व तकनीकी साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने इस मामले में सत्यप्रकाश को भी नामजद कर लिया था लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं आ रहा था। लेकिन अचानक मंगलवार की शाम सत्यप्रकाश क्राइम ब्रांच थाने में हाजिर हुआ और दो घण्टे की पूछताछ और हिरासत के बाद उसे छोड़ दिया गया पुलिस के इस मामले में अपने ही तर्क है।
– ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और उनके पीए सत्यप्रकाश के इस हाईप्रोफाइल मामले में सिर्फ दो घण्टे की पूछताछ के बाद उसे छोड़े जाने पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दोहरी नीति पर सवाल उठा रही है।
क्राइम ब्रांच की पूछताछ में पीए सत्यप्रकाश ने अपने बयान में बताया कि अजय उनका ड्राइवर है लेकिन उसे शिकायत के लिफाफे किसी अन्य ने दिए है हालांकि बताया यह भी गया है कि ड्राइवर अजय सत्यप्रकाश की पत्नी के साथ पुलिस अधिकारियों से मुलाकत कराने ले गया था । सत्यप्रकाश ने अपने बयान में पत्रकार गुरुशरण सिंह का नाम भी लिया इस सम्बंध में गुरुशरण ने अपने बयान में कोर्ट में लगाई याचिका वापिस कराने के लिए उन्हें फंसाने का आरोप लगाया है वहीं गुरुशरण ने सत्यप्रकाश द्वारा धमकी दिए जाने की शिकायत भी पुलिस में की है। लेकिन इस पूरे एपिसोड में कहीं ना कहीं घालमेल जरूर है जिसे कागजी और कानूनी दांव पेंच के बीच भटकाने की कोशिश की जा रही है।
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