ग्वालियर नाट्य महोत्सव..
अंतिम दिन रंग संवाद में रंगमंच और तकनीकि की भूमिका पर हुई चर्चा…
ग्वालियर । संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली एवं संस्कृति संचालनालय भोपाल के सहयोग से विमेंस नाट्य संस्था एवं मेरा मंच द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ग्वालियर नाट्य महोत्सव के तीसरे और अंतिम दिवस पर आयोजित रंग संवाद में राजा मानसिह विश्वविद्यालय के नाटक विभाग की विभाग अध्यक्ष डा. हिमांशु द्विवेरी ‘ भोपाल से पधारी विभा श्रीवास्तव रंग सारथी से रविन्द्रजगता प न्यानेश्वरी फिल्मस से प्रशांत चव्हाण और भोपाल से पधारे धन्नूलाल सिन्हा ने भागीदारी की ‘ कार्यक्रम का संचालन समन्वय शिक्षा समिति के सचिव संजय सिंह जादौन ने किया ‘
आज के रंग संवाद में रंगमंच और तकनीकि विषय पर चर्चा हुई ‘ इस चर्चा में डाॅ द्विवेदी साहित सभी वक्ताओ ने अपने विचार रखें और बताया कि तकनीकि के प्रयोग से नाटक को लोक लुभावन बनाया जा सकता है। प्रशांत चव्हाण ने कहा कि अगर रंगमंच को व्यवसायिक बनाना है तो उत्तम तकनीकि का प्रयोग आवश्यक है।
शाम की सभा में साढ़े छः बजे आयुषी सरवरिया और आर्या त्रिपाठी ने कथक की प्रस्तुति दी | कृतेन्द्र सिंह और साथियों द्वारा बुंदेली लोक गीतों को प्रस्तुति से समा बांध दिया सभागार में उपस्थित श्रोता झूम उठे
ग्वालियर महोत्सव की अंतिम प्रस्तुति थी रण भूमि की नायिका यह रंग सोशियो सोशल सोसायटी भोपाल की प्रस्तुति थी। इस नाटक का निर्देशन विभा श्रीवास्तव ने किया है वीर रस से परिपूर्ण इस प्रस्तुति ने दर्शको के रोंगटे खडे कर दिए।
कार्यक्रम के अंत में वीमेंस नाट्य संस्था की सचिव गीतांजली गीत ने निर्देशक को सम्मानित किया
तीन दिवसीय इस ग्वालियर नाट्य महोत्सव में नगर के दो रंगकर्मी डा, हिमांशु द्विवेदी और अदमुत कला एवं विज्ञान मंच के सचिव अशोक सँगर को कला सम्मान से सम्मानित किया गया