एमएलए जजपाल के जाति प्रमाणपत्र मामले में हुई पुलिस जांच शुरू
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अशोकनगर– विधायक जजपाल सिंह की जाति का फैसला 2 माह के भीतर हो जाएगा। उच्च स्तरीय अनुसूचित जाति छानबीन समिति ने इस हेतु अपनी एक बैठक 19 जून को आयोजित की जा चुकी है। वहीं संबंधित पक्षों को बयान देने के लिए नोटिस जारी कर दिए गए हैं। यहां कई लोगों को संदिग्ध जाति प्रमाण पत्र के संबंध में बयान देने के लिए नोटिस प्राप्त हुए हैं, इसके बाद छानबीन समिति विधायक जजपाल का पक्ष सुनेगी और फैसला देगी। इस पूरी प्रक्रिया में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के अनुसार अधिकतम 2 माह का समय लिया जा सकता है। इस प्रकार जब प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है तो 2 माह के भीतर विधायक जजपाल के जाति का फैसला भी आ जाएगा।
गौरतलब है कि 1 मई 2019 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर ने एक आदेश जारी कर जजपाल सिंह के जाति प्रमाण पत्र को स्थगित करते हुए उसके उपयोग पर रोक लगा दी थी और उसके आधार पर लाभ लेने से भी रोक दिया था। साथ ही उच्च न्यायालय द्वारा उच्चस्तरीय जाति छानबीन समिति को जाति प्रमाण पत्र की पुन: जांच कर अपना फैसला देने के लिए निर्देशित किया था।
जजपाल सिंह ने अपना विधानसभा चुनाव अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित अशोकनगर सीट से लड़ा था जिस पर भी हारे हुए प्रत्याशी इंजी. लड्डूराम कोरी ने उच्च न्यायालय में एक चुनाव याचिका लगाई हुई है।
*क्या है मामला-*
अशोकनगर में अधिकांश: जितने चुनाव, जितने वर्गों के आरक्षित वर्ग के लिए हुए जजपाल सिंह सभी चुनाव अपने अलग-अलग जाति प्रमाण पत्रों पर लड़े। जो चुनाव लड़े गए और समय-समय पर जिन जाति प्रमाण पत्रों का उपयोग कर मौका देखकर बदली गईं जातियों की कहानी इस प्रकार है-
-1994 में जनपद पंचायत के सामान्य जाति वर्ग से सदस्य बने।
-26 अप्रैल 1999 में कृषि मण्डी सदस्य हेतु सामान्य जाति से नाम निर्देशन पत्र भरा।
-13 मई 1999 में जिला पंचायत सदस्य के लिए नट बाजीगर अनुसूचित जाति से नाम निर्देशन भरा गया।
-2 दिसम्बर 1999 में कीर पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र बनवाया। और कीर पिछड़ा वर्ग से नपा का चुनाव लड़ा।
-4 मार्च 2004 में उच्चस्तरीय पिछड़ा वर्ग छानबीन समिति ने पिछड़ा वर्ग का प्रमाण पत्र निरस्त किया।
-16 सितम्बर 2013 में अनुसूचित जाति उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने नट अनुजाति का प्रमाण पत्र निरस्त किया।
*लिया स्थगन-*
16 सितम्बर 2013 अनुसूचित जाति उच्च स्तरीय छानबीन समिति के आदेश के विरुद्ध जजपाल सिंह ने उच्च न्यायालय से स्थगन लिया। उक्त मामले की सुनवाई करते हुए उच्चन्यायालय ने अपने निर्णय में 1 मई 2019 को जजपाल के अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र को स्थगित करते हुए अनुसूचित जाति उच्च स्तरीय छानबीन समिति को पुन: अपना निर्णय देने के लिए निर्देशित किया था। जिसको लेकर छानबीन समिति द्वारा अपनी कार्रवाई प्रारम्भ की गई है।
*इन्हें आए नोटिस-*
सचिव अनुसूचित जाति कल्याण भोपाल को की गई शिकायत पर से अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अशोकनगर द्वारा जजपाल सिंह की जाति प्रमाणपत्र के संबंध अपने कथन देने जिन लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं उनमें गुना विधायक *गोपीलाल जाटव*, पूर्व विधायक *लड्डूराम कोरी*, तत्कालीन नेताप्रतिपक्ष नगरपालिका *देवेन्द्र ताम्रकार*, पार्षद *रोशनराज सिंह यादव* शामिल हैं।
*इनका कहना है-*
उच्च न्यायालय के अदेश पर प्रकरण छानबीन समिति को गया है, छानबीन समिति ने प्रतिवेदन पुलिस से मांगा है,जिसकी जांच एसडीओपी कर रहे हैं।
*पंकज कुमावत, पुलिस अधीक्षक,अशोकनगर*