स्पेशल स्टोरी – -संविधान दिवस आज.. संविधान की मूल प्रति ग्वालियर की सेंट्रल लाइब्रेरी में..

स्पेशल स्टोरी –
-संविधान दिवस आज..
संविधान की मूल प्रति ग्वालियर की सेंट्रल लाइब्रेरी में..

Gwalior-पूरा देश आज 70 वां संबिधान दिवस मना रहा है,संबिधान के बारे में सब ने सुना है लेकिन कम ही लोग होगे जिन लोगो ने संबिधान की मूल प्रति को देखा हो ..आपके भी मन में उसे देखने के की उत्सुकता होगी ।आइये हम आपको दिखाते है संबिधान की मूल प्रति जो ग्वालियर की सेंट्रल लाइब्रेरी में 31 मार्च 1956 से सुरक्षित रखी हुई है..

-ग्वालियर की सेंट्रल लाइब्रेरी में संविधान की मूल प्रति रखी है । जो 31 मार्च 1956 को ये प्रति यहां लाई गई थी । उस वक्त देश के अलग अलग हिस्सों में संविधान की कुल 16 मूल प्रतियां भेजी जा रही थी । ग्वालियर मध्य प्रदेश के उन इकलौते शहरों में था ..जहां इस मूल प्रति को भेजा गया । संविधान की मूल प्रति ग्वालियर सेंट्रल लाइब्रेरी की शान में चार चांद लगा रही है । इस बारे मेें लाइब्रेरी प्रबंधन का कहना है कि यह हमारे गौरव की बात है कि संविधान की मूल प्रति हमारे पास है ,इसको देखने के लिए दूर दराज से आते है। भारतीय संविधान की मूल प्रति पर मूल्य सिर्फ ₹120 दर्ज है…

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-राकेश शर्मा–रीजनल लाइब्रेरियन -सेंट्रल लाइब्रेरी,ग्वालियर..

– संविधान की ये प्रति कई मायनों में खास है । इसके आवरण पृष्ठ पर स्वर्ण अक्षर अंकित हैं । प्रति के कुल 231 पेज हैं और इसमें संविधान के अनुच्छेद 344 से लेकर 351 तक उल्लिखित हैं । इतना ही नहीं संविधान सभा के 286 सदस्यों के मूल हस्ताक्षर भी इस प्रति में मौजूद हैं । इनमें बाबा साहब भीमराव अंबेडकर से लेकर डॉ राजेंद्र प्रसाद और फिरोज गांधी तक शामिल हैं । मूल प्रति में दर्ज हर अनुच्छेद की शुरुआत में प्रतीकात्मक एक विशेष चित्र प्रकाशित किया गया है ।इसको देखने आने वाले छात्रों का कहना है कि यह उनके लिए गौरव की बात है जिस संविधान से हमारा देश चलता है ,उसको हम देख पा रहे है ।

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-मनीष –छात्र
-अगर हम भारतीय संबिधान के निर्माण पर नजर डाले तो हम पाते है कि संबिधान निर्माण के लिए 29 अगस्त 1947 को ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन हुआ और लगभग दो साल बाद 26 नबम्बर 1949 पूर्ण रूप से संबिधान तैयार हो गया ..संबिधान के निर्माण में कुल 284 सदस्यों का सहयोग रहा.. संसदीय समिति ने इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया । उस समय इसकी मूल प्रतिया बनाई गई थी.. जिनमे से एक प्रति आज भी ग्वालियर की सेन्ट्रल लाइब्रेरी में रखी हुयी है। और लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है…

जावेद खान..
Gwalior

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Post Author: Javed Khan

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