Online gaming-शेजवलकर ने ऑनलाइन गेम्स को लेकर सख्त नीति बनाने की मांग सदन के पटल पर रखी..

  1. शेजवलकर ने ऑनलाइन गेम्स को लेकर सख्त नीति बनाने की मांग सदन के पटल पर रखी..
 ग्वालियर लोकसभा के सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने शुक्रवार को लोकसभा में नियम 377 के अधीन ऑनलाइन गेम्स को लेकर नीति बनाने की मांग संबंधि प्रस्ताव सदन के पटल पर रखा।
सांसद श्री शेजवलकर ने अपने व्यक्तव्य में उल्लेख किया है कि बच्चों में ऑनलाइन गेम्स की लत उनके आगे बढ़ने में बहुत बड़ी बाधा है। यह गेम बच्चों को मानसिक रूप से कमजोर एवं हिंसक भी बना रहे है। गेमिंग की लत को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीमारी यानी गेमिंग डिसआर्डर के रूप में चिन्हित किया है। दुनिया के कई देश ऐसे गेम्स की लत से निपटने के लिए अलर्ट मोड पर हैं। बहुत ज्यादा हिंसा वाले गेम बंद किए है। बैन का आधार आपत्तिजनक और हिंसक कंटेंट को बताया गया है। भारत में अभी तक इसे लेकर कोई सख्त नियम नहीं हैं। सीनियर आईटी एंड साइबर एक्सपर्टस का मानना है कि हमारे देश में कोई स्पष्ट पॉलिसी नहीं है जो ऑनलाइन गेम्स पर कंट्रोल कर पाए और उसे सेंसर करे। सांसद शेजवलकर ने आगे उल्लेख किया है कि भारत सरकार को यह चाहिए कि देश में जो भी गेम लांच हो या वर्तमान में चल रहे है, उनकी उपयोगिता को जांचने के लिये फिल्म सेंसर बोर्ड की तर्ज पर एक ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित किया जाए, जो ऑनलाइन गेम्स को पैमाने पर परखे और उपयोगिता संबंधी जांच करें। जिससे भारत के भविष्य युवा एवं बच्चों इसके दुष्प्रभाव से बच सकते हैं।
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Post Author: Javed Khan

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