बीहड़ के डकैत करेंगे चीतों की रखवाली, सरकार ने 70 हत्या के आरोपी रमेश सिकरवार को सौंपी जिम्मेदारी,बनाया चीता मित्र.
कूनो(श्योपुर)ग्वालियर
. पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर 17 सितम्बर का नामीबिया से लाये चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। अब सरकार ने इन चीतों की रखवाली वीहड़ के पूर्व डकैत रमेश सिकरवार को सौंप दी है।
रमेश सिकरबार राइफल कंधे पर टांगकर गांव-गांव घूमकर लोगों को चीतों के बारे में जागरूक कर रहे हैं।
आपको बता दें कि फिलहाल चीते क्वारंटाइन में हैं और उन पर निगरानी रखी जा रही है। क्वारंटाइन के बाद चीतों को जंगल मेंछोड़ा जायेगा। लेकिन अधिकारियों को इन चीतों की सुरक्षा की चिंता सता रही है। दरअसल सरकार को डर है कि शिकारी इन चीतों को अपना शिकार न बना लें और सरकार का यह अहम प्रोजेक्ट परवान चढ़ने से पहले ही संकट में घिर जाये। ऐसे में सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए रमेश सिकरवार का ेचीतों की रखवाली की जिम्मेदारी दे दी है।
कौन हैं रमेश सिकरवार-*
70 के दशक में चंबल के बीहड में रमेश सिकरवार के नाम की तूती बोलती थी। रमेश सिकरवार के खिलाफ 70 से अधिक हत्याओं और 250 से अधिक डकैती के मामले दर्ज थे। हालांकि 1984 में रमेश सिकरवार ने अपने साथियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया था। उसके बाद सिकरवार ने 10 साल जेल में बिताये और फिलहाल समाजसेवा के कामों से जुड़े हुए हैं।
अब रमेश सिकरबार चीता मित्र बन चुके हैं और कूनो नेशनल पार्क के आसपास बसे गांवों में घूम-घूमकर स्थानीय नागरिकों को चीतों के प्रति जागरूक कर रहे हैं। रमेश सिकरवार भले ही अपराध की दुनिया को छोड़ चुके हैं। लेकिन आज भी श्योपुर और मुरैना जिले के 175 गांवों में उनकी दबंग छवि बरकरार है। यही वजह है कि जब कूनो नेशनल पार्क में चीतों को लाने की योजना बनी तो चीतों को शिकारियों से बचाने के लिये प्रशासन ने रमेश सिकरवार से संपर्क किया।