खुशियों की दास्तां , पिता द्वारा लिए गए ऋण से मुक्ति पाकर राजेन्द्र को आया चैन

खुशियों की दास्तां

पिता द्वारा लिए गए ऋण से मुक्ति पाकर राजेन्द्र को आया चैन

ग्वालियर , खेती-किसानी के लिए किसानों को ऋण लेना ही पड़ता है। खेती अगर अच्छी न हुई तो ऋण चुकाना मुश्किल होता है। पिता द्वारा लिए गए ऋण को चुकाने की जवाबदारी भी बेटे की ही होती है। परंतु आर्थिक परेशानियां उसकी चिंता को और बढ़ा देती हैं। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जय किसान फसल ऋण माफी योजना से प्रदेश के हजारों किसानों का ऋण मुक्त कर उनकी चिंता को समाप्त किया गया है।
ग्वालियर शहर से लगे हुए ग्राम बेहटा के किसान श्री राजेन्द्र सिंह पाल को भी इस योजना का लाभ मिला है। राजेन्द्र सिंह के पिता श्री रघुनाथ सिंह पाल द्वारा सहकारी ग्रामीण बैंक से 40 हजार रूपए का ऋण लिया गया था। आर्थिक परेशानियों के कारण ऋण की अदायगी नहीं हो पाई। वर्ष 2011-12 से बैंक के ऋण की अदायगी की चिंता उन्हें निरंतर परेशान कर रही थी। सरकार द्वारा चलाई जा रही जय किसान फसल ऋण माफी योजना के माध्यम से उनका ऋण माफ हो गया है। श्री राजेन्द्र पाल का कहना है कि किसानों के हित में सरकार का ये महत्वपूर्ण निर्णय है। इससे प्रदेश के हजारों किसान जो ऋण के कारण परेशान थे, उन्हें मुक्ति मिलेगी और वे अपनी खेतीबाड़ी को और अच्छे से कर सकेंगे।
श्री राजेन्द्र पाल का कहना है कि उनके पास 7 – 8 बीघा जमीन है, जिस पर वे खेती किसानी करते हैं। घर की स्थिति बहुत अच्छी न होने के कारण उन्हें खाद-बीज के लिए ऋण लेना ही पड़ता है। फसल अच्छी हुई तो ऋण अदायगी के बाद भी पैसा बच जाता है परंतु किन्हीं कारणों से खेती खराब हुई तो आर्थिक परेशानी के साथ-साथ ऋण की अदायगी की परेशानी भी रहती है। सरकार द्वारा किसानों के हित में उठाए गए इस कदम की वह और उन जैसे अनेक किसान प्रशंसा करते हैं। गाँव में लगभग 90 किसानों को जय किसान फसल ऋण माफी योजना का लाभ मिला है। सभी किसान सरकार की इस योजना की प्रशंसा करते हुए नहीं थकते हैं।

सहायक संचालक, मधु सोलापुरकर

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Post Author: Javed Khan

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