भाजपा-कांग्रेस में शह-मात का खेल,
भाजपा ने विधायक तोड़ा,
कांग्रेस ने भाजपा का पूर्व मंत्री…
– कांग्रेस को 15 दिन में लगा तीसरा बड़ा झटका
– झटके से उबरने भाजपा के नेता तोड़ रही कांग्रेस..
भोपाल
प्रदेश में नई तरह की राजनीति का सूत्रपात हुआ है। इसक तहत भाजपा ने 15 दिन में कांग्रेस को तीसरा बड़ा झटका दे दिया। 12 जुलाई को प्रद्युम्न सिंह लोधी, 17 जुलाई को सावित्री देवी के बाद गुरुवार 23 जुलाई को मांधाता सीट से कांग्रेस विधायक नारायण सिंह पटेल ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया। निमाड़ की एक और महिला कांग्रेस विधायक के भाजपा के संपर्क में होने की खबर है।
झटके से उबरने के लिए कांग्रेस भी भाजपा पर पलटवार कर रही है। कांग्रेस ने प्रेमचंद गुड्डू, बालेंदु शुक्ल, अजब सिंह के बाद भाजपा सरकार में मंत्री रहे कन्हैयालाल अग्रवाल को आज पार्टी में शामिल कर लिया। विधायकों को तोड़कर भाजपा उप चुनावों में जीत का वातावरण बना रही है तो कांग्रेस भी जीतने की क्षमता वाले नेता तोड़कर भाजपा पर पलटवार कर रही है।
इस तरह भाजपा-कांग्रेस के बीच शह-मात का दिलचस्प खेल जारी है।
नारायण को लाने में अरविंद की भूमिका
पहले बुरहानपुर जिले की नेपानगर से विधायक सावित्री देवी को कांग्रेस से भाजपा में लाने में अरविंद भदौरिया की मुख्य भूमिका थी, अब नारायण सिंह पटेल भी भदौरिया की बदौलत भाजपा में आए हैं। पटेल ने भाजपा ज्वाइन करते समय कहा भी कि मेरे क्षेत्र में अरविंद भदौरिया ने काफी काम कराए हैं।
नेमाड़ की ही जिस तीसरी महिला कांग्रेस विधायक के भाजपा के संपर्क में होने की खबर है, उसके पीछे भी अरविंद भदौरिया का प्रयास बताया जा रहा है। खास बात यह है कि इन्हें टिकट कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव की सिफारिश पर मिले थे।
कमलनाथ नहीं संभाल पा रहे विधायक
पंद्रह दिन में तीसरे विधायक के इस्तीफे से साफ है कि कमलनाथ अपने विधायकों को नहीं संभाल पा रहे हैं। नारायण के इस्तीफे के बाद प्रदेश में कांग्रेस विधायकों की संख्या 89 रह गई है। कमलनाथ लगातार विधायकों को एकजुट करने की कोशिश में लगे हुए हैं। बावजूद इसके इस्तीफों का दौर थम नहीं रहा है। मलेहरा के प्रद्युम्न लोधी एवं नेपानगर की सावित्री के इस्तीफे के बाद कमलनाथ ने भोपाल में विधायकों की बैठक ली थी।
इसका असर भी नहीं दिखा और बैठक के 3 दिन बाद ही एक और विधायक ने पार्टी छोड़ दी।
अब 27 सीटों पर होंगे उपचुनाव
नारायण सिंह पटेल के इस्तीफे के साथ विधानसभा की 27 सीटें खाली हो गई हैं। प्रदेश में 25 विधायकों के इस्तीफे से कांग्रेस लगातार कमजोर हो रही है। पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफे दिए थे। इसके बाद तीन और ने दे दिए। दो सीटें विधायकों के निधन के कारण खाली हैं। भाजपा अब भी कह रही है कि कांग्रेस के कुछ और विधायक आएंगे। लगता है कमलनाथ के हाथ से सब फिसल रहा है। हालांकि वे भाजपा के पूर्व विधायकों को तोड़कर नुकसान की भरपाई की कोशिश में हैं।
ये 22 विधायक पहले दे चुके इस्तीफे
सबसे पहले जिन 22 विधायकों ने इस्तीफे देकर कांग्रेस छोड़ी थी। इनमें इमरती देवी, राजवर्धन सिंह, रक्षा सरोनिया, महेंद्र सिंह सिसोदिया, ओपीएस भदौरिया, रणवीर जाटव, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, रघुराज सिंह कंसाना, गिर्राज दंडोतिया, मुन्नालाल गोयल, जसवंत सिंह जाटव, मनोज चौधरी, एंदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह, प्रभुराम चौधरी, जजपाल सिंह जज्जी, सुरेश धाकड़, कमलेश जाटव, तुलसी सिलावट, बृजेंद्र सिंह यादव, और हरदीप सिंह शामिल हैं। इनके बाद प्रद्युम्न सिंह लोधी, सुमित्रा देवी कासडेकर और अब नारायण भी भाजपा में आ गए।
विधानसभा में सदस्यों की ताजा स्थिति
– मध्य प्रदेश विधानसभा में 230 सदस्य हैं।
– 27 सीटें खाली होने से विधानसभा में कुल 203 सदस्य बचे।
– कांग्रेस के अब 89 विधायक।
– भाजपा के पास 107 विधायक।
– 4 निर्दलीय, 2 बसपा और 1 सपा का विधायक।
– बसपा की रामबाई एवं सपा के राजेश शुक्ला को पार्टी से निकाला जा चुका है।