भारतीय सेना ने आज कहा कि वह क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाये रखने के लिए वचनबद्ध है और भारत उसके नागरिकों के खिलाफ शत्रुतापूर्ण षड्यंत्र रचने वाली एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगी। आज शाम नई दिल्ली में सेना के तीनों अंगों के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में थलसेना के मेजर जनरल एस एस महल ने कहा- की मशीनीकृत टुकड़ियों को तैयार हालत में रखा गया है और सैनिक किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए कमर कसे हुए हैं। उन्होंने राष्ट्र को भरोसा दिलाया कि सेना पूरी तरह तैयारी की हालत में है और पाकिस्तान की ओर से उकसावे की किसी भी हरकत का जवाब देने में सक्षम है।
हमारा लड़ाई टेरिरिजम के साथ है तो जब तक पाकिस्तान इसको इस तरह से सपोर्ट करता रहेगा। हम उनके जितने भी टेरिरिस्ट कैम्प, जितने भी उसके ट्रेनिंग एरिया हैं उनको हम टारगेट करने के लिए तैयार हैं। हालांकि 14 फरवरी के बाद सीजफायर वायलेशन काफी बढ़ गई है और पिछले दो दिनों में कम से कम 35 सीजफायर वायलेशन हुए हैं लेकिन हम जो हैं उसी प्रकार से उसका जवाब दे रहे हैं।
भारत की वायु सेना ने कहा है कि वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद अपने विंग कमाण्डर अभिनन्दन की पाकिस्तान की हिरासत से सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रही है। एयर वाइस एयर मार्शल आर.जी.के कपूर ने कहा –
श्री कपूर ने कहा कि भारतीय पायलट को लौटाने की पाकिस्तान ने जो घोषणा की है वह जिनेवा संधि के अनुरूप है।
एयर वाइस मार्शल कपूर ने कहा कि पाकिस्तान की वायु सेना ने भारतीय सैनिक ठिकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया लेकिन हमारे लड़ाकू विमानों ने उनकी साजिशों को नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों पर बम गिराये, मगर इनसे किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इस बात के पक्के प्रमाण हैं कि पाकिस्तान ने इस हमले में एफ-16 विमानों का इस्तेमाल किया।
पाकिस्तान में सिर्फ एक जहाज है एफ-16, जो कि एमरैम मिसाइल लेकर उड़ सकता है और कोई भी उनके पास जहाज नहीं है जिस पर एमरैम मिसाइल लगाई जा सके। उस मिसाइल के टुकड़े रजौरी के ईस्ट में इंडियन टेरेटरी में पाए गए हैं इसका मतलब है कि उन्होंने एफ-16 का यूज किया। एयरफोर्स हर तरह से पता कर सकता हैं कि कौन सा जहाज उड़ रहा है या कौन सा जहाज हमारी एयर स्पेस की तरफ आ रहा है। इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर होता है हर जहाज का, हमारे पास उस इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर को मैच करता हुआ पाया जिसकी वजह से हम यह कह सकते हैं कि एफ-16 इस मिशन में शामिल थे। तो ये एविडेंस है।
नौसेना के रियर एडमिरल डी.एस. गुजराल ने कहा कि भारतीय नौसेना पूरी तरह से चौकस है और वह समुद्र की सतह के भीतर और हवा में पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस का मुकाबला करने को तैयार है।