गुरु पूर्णिमा पर कथक के ज़रिए गुरु की महिमा का बखान..

गुरु पूर्णिमा पर कथक के ज़रिए गुरु की महिमा का बखान

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– गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पांय… यानी कि गुरु की महत्वता भारत में प्राचीन काल में गुरुकुल के समय से रही है.. और इस परंपरा को निभाने के साथ-साथ ग्वालियर में जब गुरु पूर्णिमा का पर्व आता है तो सभी शैक्षणिक संस्थान अलग अलग तरीके से गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाने की तैयारी में जुट जाते हैं ..लेकिन ग्वालियर के राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरु की महिमा का बखान करने के लिए अलग ही अंदाज में मनाया जा रहा है ..यहां नृत्य के माध्यम से गुरु की महिमा बखानी जा रही है..

. ग्वालियर के राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के छात्र छात्राएं पिछले 15 दिन से लगातार गुरु पूर्णिमा पर्व की तैयारी में जुटे हुए थे ..और उन्होंने गुरु पूर्णिमा के पर्व एक खास अंदाज में मनाने की पहल की… सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि संगीत विश्वविद्यालय के कथक विभाग ने इस पर्व को मनाने के लिए के लिए एक अलग ही थीम रखी.. इस थीं में नृत्य के माध्यम से गुरु की महिमा का बखान किया गया ..इसमें कत्थक विभाग के छात्र-छात्राओं ने एक अलग अंदाज में कथक की प्रस्तुतियां दी..इसके अलावा अपनी खास भाव भंगिमा और श्रंगार के माध्यम से कथक नृत्य की शैली में गुरू को समर्पित की अपनी प्रस्तुति..

आखिर यह दिन भी तो संगीत और कला को समर्पित माना जाता है.. और सबसे ज्यादा गुरु शिष्य परंपरा इन्हीं संगीत घरानों में आदर के साथ मानी जाती है.

“.गुरु के बगैर संगीत और नृत्य की कल्पना भी नही की जा सकती है..शिष्य तो शिष्य ही हैं..”
डॉक्टर अंजनी झा –विभागाध्यक्ष -कथक विभाग,, संगीत विश्वविद्यालय

गुरु को समर्पित गुरु पूर्णिमा के पर्व पर कत्थक विभाग के छात्र-छात्राओं ने भी पूरी मेहनत मशक्कत के साथ तैयारी की थी और उन्होंने अपने श्रंगार और शरीर को उसी रूप में ढाल कर पूरे मनोयोग से गुरु की महिमा का बखान करने की धारदार परिस्थितीत देने की जैसे कसम खा रखी थी

-चंचल कुमारी- व कथक विभाग.. की अन्य टीम ने अपनी अपनी अलग-अलग आकर्षक आकर्षक प्रस्तुतियां दी

. राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय जैसा कि इस विश्वविद्यालय के नाम से ही प्रतीत होता है कि राजा मानसिंह तोमर ग्वालियर रियासत की संगीत कला को बढ़ावा देने वाले शासक रहे हैं ..और अब इस विश्वविद्यालय में कत्थक विभाग की छात्र-छात्राएं खास तौर पर बनाई गई कथक की प्रस्तुति के माध्यम से गुरु पूर्णिमा का महोत्सव बना रही है ..और गुरु की महिमा का बखान आकर्षक नृत्य शैली में किया जा रहा है.. जो दूसरों के लिए प्रेरणा के रूप में साबित हो सकता है…

जावेद खान
ग्वालियर..

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ग्वालियर- गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पांय… यानी कि गुरु की महत्वता भारत में प्राचीन काल में गुरुकुल के समय से रही है.. और इस परंपरा को निभाने के साथ-साथ ग्वालियर में जब गुरु पूर्णिमा का पर्व आता है तो सभी शैक्षणिक संस्थान अलग अलग तरीके से गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाने की तैयारी में जुट जाते हैं ..लेकिन ग्वालियर के राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरु की महिमा का बखान करने के लिए अलग ही अंदाज में मनाया जा रहा है ..यहां नृत्य के माध्यम से गुरु की महिमा बखानी जा रही है..

. ग्वालियर के राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के छात्र छात्राएं पिछले 15 दिन से लगातार गुरु पूर्णिमा पर्व की तैयारी में जुटे हुए थे ..और उन्होंने गुरु पूर्णिमा के पर्व एक खास अंदाज में मनाने की पहल की… सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि संगीत विश्वविद्यालय के कथक विभाग ने इस पर्व को मनाने के लिए के लिए एक अलग ही थीम रखी.. इस थीं में नृत्य के माध्यम से गुरु की महिमा का बखान किया गया ..इसमें कत्थक विभाग के छात्र-छात्राओं ने एक अलग अंदाज में कथक की प्रस्तुतियां दी..इसके अलावा अपनी खास भाव भंगिमा और श्रंगार के माध्यम से कथक नृत्य की शैली में गुरू को समर्पित की अपनी प्रस्तुति..

आखिर यह दिन भी तो संगीत और कला को समर्पित माना जाता है.. और सबसे ज्यादा गुरु शिष्य परंपरा इन्हीं संगीत घरानों में आदर के साथ मानी जाती है.

“.गुरु के बगैर संगीत और नृत्य की कल्पना भी नही की जा सकती है..शिष्य तो शिष्य ही हैं..””
–डॉक्टर अंजनी झा –विभागाध्यक्ष -कथक विभाग,, संगीत विश्वविद्यालय-

गुरु को समर्पित गुरु पूर्णिमा के पर्व पर कत्थक विभाग के छात्र-छात्राओं ने भी पूरी मेहनत मशक्कत के साथ तैयारी की थी और उन्होंने अपने श्रंगार और शरीर को उसी रूप में ढाल कर पूरे मनोयोग से गुरु की महिमा का बखान करने की धारदार परिस्थितीत देने की जैसे कसम खा रखी थी

-चंचल कुमारी-व कथक विभाग की अन्य टीम ने अपनी अपनी नृत्य प्रस्तुतियां दीं..

राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय जैसा कि इस विश्वविद्यालय के नाम से ही प्रतीत होता है कि राजा मानसिंह तोमर ग्वालियर रियासत की संगीत कला को बढ़ावा देने वाले शासक रहे हैं ..और अब इस विश्वविद्यालय में कत्थक विभाग की छात्र-छात्राएं खास तौर पर बनाई गई कथक की प्रस्तुति के माध्यम से गुरु पूर्णिमा का महोत्सव बना रही है ..और गुरु की महिमा का बखान आकर्षक नृत्य शैली में किया जा रहा है.. जो दूसरों के लिए प्रेरणा के रूप में साबित हो सकता है…

जावेद खान
ग्वालियर..

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Post Author: Javed Khan

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