Indore के बाद अब ग्वालियर के -सहारा हॉस्पिटल *पर प्रशासन की जमी डोज़ करने की कोशिश
एंकर– ग्वालियर के जिला प्रशासन ने नगर निगम और पुलिस के साथ मिलकर एक संयुक्त रूप से कार्रवाई को अंजाम देते हुए ग्वालियर के बसंत विहार कॉलोनी में स्थित सहारा अस्पताल पर तोड़फोड़ की कार्रवाई की है.. इससे पहले जिला प्रशासन नेे अस्पताल प्रबंधन को नोटिस देकर अस्पताल के बेजा कब्जे और अवैध निर्माणों को हटाने के निर्देश दिए थे.. जिसके विरोध में अस्पताल प्रबंधन जिला न्यायालय में चला गया था.. जिसकी स्थगन आदेश की अवधि 5 दिसंबर को समाप्त हो गई थी ।उसके बाद आज जिला पुलिस प्रशासन और नगर निगम का मदाखलत दस्ता पूरी तैयारी के साथ अस्पताल को तोड़ने के लिए पहुंच गया ..और देखते ही देखते अस्पताल के बाहर और भीतर के माध्यलियोम से तुड़ाई शुरू कर दी गई..
जबकि अस्पताल के भीतर पूर्व से ही मरीज भर्ती थे और कुछ गंभीर मरीज आईसीयू में भी भर्ती थे ।प्रशासन की इस कार्रवाई पर अस्पताल में भर्ती मरीजों ने अपना गुस्सा और रोष जाहिर किया है ।उनका कहना है कि प्रशासन ने इतनी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे दिया और तोड़फोड़ की कार्रवाई बाहर शुरू कर दी गई है ।जबकि उनके मरीज गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती है
ग्वालियर में सहारा हॉस्पिटल के खिलाफ की गई ।इस तरह की ताबड़तोड़ कार्रवाई को इंदौर की तर्ज पर की जाने वाली एक बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है ।साथ ही इस कार्रवाई को बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया जा रहा है.. हालांकि जब तक अस्पताल प्रबंधन कुछ समझ पाता उससे पहले ही प्रशासन की टीम ने जेसीबी के माध्यम से अस्पताल के बाहर के हिस्से को जेसीबी की मशीन से ढहा दिया ।इस दौरान बीच-बीच में अस्पताल प्रबंधन और स्टाफ के द्वारा विरोध प्रदर्शन करके कार्रवाई को रोकने की कोशिश की गई ।लेकिन यह सब कोशिशें नाकाम होती रही ।बाद में जब कोर्ट से स्टे की खबर आई तो एडीएम ने कार्रवाई को कुछ देर के लिए रूकवा दिया ।बताया जाता है कि जिला अदालत से 5 दिसंबर के स्टे की अवधि को बढ़ाकर 15 दिसंबर कर दिया गया है और प्रशासन ने अपने कार्यवाही को फिलहाल विराम दे दिया है ।
-batcheet sourcA re W-किशोर कान्याल– एडीएम ग्वालियर
ग्वालियर के जिला प्रशासन की इस कार्रवाई को बदले की भावना और ईर्ष्या की भावना से की जा रही कार्रवाई का आरोप अस्पताल प्रबंधन द्वारा लगाया जा रहा है। जिसकी पृष्ठभूमि में अस्पताल के rg संचालक डॉ एस भल्ला का प्रशासन के खिलाफ दिया गया बयान बताया जा रहा है.. जिसमें डॉक्टरों की मीटिंग के दौरान उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों के सरकारी और निजी अस्पतालों में बार-बार होने वाले निरीक्षण को अस्पताल के कामकाज में दखलंदाजी बताया था ..
इसका नतीजा है कि आज यह कार्रवाई की गई.. हालांकि अभी भी सहारा अस्पताल की लगभग आधी कार्रवाई के बाद आगामी कार्रवाई होगी या नहीं इस पर अभी कुहासा छाया हुआ है ।क्योंकि हाईकोर्ट ने इस मामले में अभी कोई स्टे नहीं दिया है ।जबकि हाईकोर्ट में भी इस अस्पताल के अवैध निर्माण और अतिक्रमण का मामला विचाराधीन है..