ग्वालियर. सेंट्रल जेल में ऐसी कई महिलाएं कैद हैंए जिनके मासूम बच्चे भी उनके साथ काल कोठरी में रहने पर मजबूर हैं। ऐसे बच्चों के उज्जवल, भविष्य के लिए सरकार विशेष कदम उठाए। इन विचाराधीन महिला कैदियों के मामलों की सुनवाई जल्द की जाए। ताकि ऐसे बच्चे जो अपनी मां के साथ मजबूरी में कैदखानों में हैं, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो। यह बात आज अस्तित्व वेलफेयर सोसयटी की संरक्षक सचिव डॉ रुचि ठाकुर ने कही। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित जेल सुप्रीटेडेंट प्रभात कुमार ने कहा कि जेल में उपस्थित महिला कैदियों के मासूम बच्चों के बेहतर कल के लिए उचित विकल्पों को तलाश कर उन पर विचार किया जाएगा।
सामाजिक संस्था अस्तित्व वेलफेयर सोसायटी द्वारा आज महिला कैदियों के बच्चों के जीवन में खुशियां भरने के उद्देश्य से सेंट्रल जेल में ‘‘क्रिसमस.डे’’ मनाया गया। इस दौरान संस्था के सदस्यों ने मासूमों के साथ यीशु के चित्र के समक्ष मोमबत्ती जलाकर कार्यक्रम शुरू किया एवं बच्चों को यीशु के जन्म व संघर्ष की जानकारी दी। इसके बाद सांता क्लॉज बने संस्था सदस्यों ने बच्चों को टॉफियां व उपहार बांटे। उपहार पाकर बच्चों में खुशी की लहर दौड़ गई। इस अवसर पर मिली सक्सैना, साधना गोयल, ऊषा जैन, सावित्री राजपूत, निधी शर्मा, रचना कुशवाह, कंचन सक्सेना, कविता मंगल, रचना अग्रवाल, अपरजिता दीक्षित, लक्ष्मी थापा, श्रद्धा गुप्ता, कनक सक्सेना, अलका बंसल, दीप्ती दांगी, किरन श्रीवास्तव, निशांत श्रीवास्तव, सारिका सक्सेना, बबिता अग्रवाल, भारती राजपूत, सोनिया राजपूत, शिवाजी चौरसिया, गोविन्द मोदी, सुमन धाकड़, लक्ष्मी अग्रवाल, रिंकी अग्रवाल, भगवती, शैलजा शर्मा सहित संस्था के सभी सदस्य मौजूद थे।