To CM govt of M P Bhopal Sir, सुरेश नगर ब्लॉक डी थाटीपुर वार्ड २२ की “यह शिकायत सभी स्तरों को पार करते हुए Level-4 तक पहुँच चुकी है, किन्तु आज दिनांक तक इस पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है।” – नितिन सक्सेना
CM हेल्पलाइन की विफलता और भ्रष्टाचार का आरोप: ग्वालियर में अवैध निर्माण, डेरी और सीवर समस्या पर जनता का आक्रोश
ग्वालियर: मध्य प्रदेश सरकार की बहुप्रचारित मुख्यमंत्री हेल्पलाइन (181) प्रणाली पर एक गंभीर प्रश्नचिह्न लग गया है। ग्वालियर के थाटीपुर क्षेत्र, सुरेश नगर के निवासी और जागरूक नागरिक नितिन सक्सेना ने सीधे मुख्य सचिव और ग्वालियर कमिश्नर को पत्र लिखकर न केवल क्षेत्र की ज्वलंत समस्याओं को उजागर किया है, बल्कि नगर निगम के अधिकारियों पर उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार का सीधा और गंभीर आरोप भी लगाया है।
🚨 CM हेल्पलाइन हुई फेल: शिकायत पहुंची Level-4, कार्रवाई शून्य
नितिन सक्सेना के अनुसार, सुरेश नगर (D-531, सुरेश नगर) में अवैध निर्माण, एक अवैध डेरी के संचालन, और गंभीर सीवर ओवरफ्लो की समस्या ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है, जिससे क्षेत्र में रहना मुश्किल हो गया है। इन समस्याओं के निराकरण के लिए, उन्होंने CM हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई थी।
यह मामला राज्य के उस दावे की पोल खोलता है, जिसमें CM हेल्पलाइन को नागरिकों की समस्याओं के त्वरित और प्रभावी समाधान का माध्यम बताया जाता है।
💰 भ्रष्टाचार का सीधा आरोप: ‘खुलेआम रिश्वत लेकर संरक्षण’
शिकायत पर कार्रवाई न होने का कारण बताते हुए, सक्सेना ने ग्वालियर नगर निगम के अधिकारियों पर सबसे बड़ा हमला किया है। उन्होंने ज़ोनल अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग और भवन अनुज्ञा विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों पर खुलेआम रिश्वत लेकर इन अवैध कार्यों को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया है।
उनके पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है:
शिकायत पर कार्रवाई न होने का एकमात्र कारण ग्वालियर नगर निगम के अधिकारियों में व्याप्त उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार है। यह स्पष्ट रूप से सरकारी तंत्र द्वारा भ्रष्टाचार और शासकीय कर्त्तव्यों की घोर अवहेलना का मामला है।”
यह आरोप सरकारी तंत्र की ईमानदारी और पारदर्शिता पर सीधे उंगली उठाता है, यह दर्शाता है कि स्थानीय अधिकारी भ्रष्ट आचरण में लिप्त होकर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
⚖️ मुख्य सचिव से न्याय की मांग और न्यायालय जाने की चेतावनी
नागरिक नितिन सक्सेना ने इस पूरे घटनाक्रम को “CM हेल्पलाइन प्रणाली की विफलता के साथ-साथ राज्य सरकार के प्रति जनता के विश्वास को तोड़ने का गंभीर विषय” बताया है। उन्होंने मुख्य सचिव से स्वयं मामले का संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
प्रमुख मांगें:
1. संबंधित भ्रष्ट अधिकारियों (कमिश्नर से लेकर प्यून तक) के विरुद्ध तत्काल FIR दर्ज करने एवं विभागीय जाँच के आदेश हों।
2. सुरेश नगर में मौजूद अवैध निर्माणों को तत्काल ध्वस्त कराया जाए, अवैध डेरी को बंद कराया जाए, और सीवर ओवरफ्लो की समस्या का स्थाई समाधान किया जाए।
नितिन सक्सेना ने चेतावनी दी है कि यदि उन्हें जल्द ही न्याय नहीं मिला और खराब माहौल के कारण घर में रहना संभव नहीं हुआ, तो उनके पास माननीय न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
इस मामले ने ग्वालियर नगर निगम की कार्यप्रणाली और CM हेल्पलाइन की प्रभाव शीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिस पर राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की उम्मीद है।
(नितिन सक्सेना)

