पी.सी.पी.एन.डी.टी. कार्यशाला.. बेटी बचाओ अभियान के लिए सब एक साथ सिर जोड़कर बैठे.

पी.सी.पी.एन.डी.टी. कार्यशाला..

बेटी बचाओ अभियान के लिए सब एक साथ सिर जोड़कर बैठे...

बेटी बचाओ बेटी पढाओ अन्तर्गत कार्य योजना अनुसार प्रगति की समीक्षा व मूल्यांकन तथा भविष्य की रणनीति पर विचार हेतु, जिला स्तर पर गठित टास्क फोर्स बैठक में हुए निर्णय के क्रम में पी.सी.पी.एन.डी.टी. पर एक कार्यषाला का आयोजन होटल तानसेन किया गया।

कार्यषाला में पी.सी.पी.एन.डी.टी. माॅनीटरिंग/पर्यवेक्षण हेतु गठित समस्त 38 दल सदस्य, पी.सी.पी.एन.डी.टी. सलाहकार समिति सदस्य, शहरी क्षेत्र केे़ एस.डी.एम., बेटी बचाओ बेटी पढाओ, जिला टास्क फोर्स के सदस्य व सिविल सोसाइटी सदस्य उपस्थित रहे। कार्यषाला में इंदौर से पधारे, राज्य सलाहकार समिति के सदस्य, मुकेष सिन्हा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।

कार्यषाला के प्रारंभ में नोडल अधिकारी (पी.सी.पी.एन.डी.टी.),डाॅ. बिन्दु सिंघल द्वारा लिंगानुपात की स्थिति पर जानकारी दी। साथ ही जांच में भरे जाने वाले सभी फार्मो के बारे मंे बताया एवं सामाजिक जागरुकता की बात कही। मेडीकल काॅलेज के रेडियोलाॅस्टि डाॅ पंकज यादव, द्वारा एक्ट की विष्ेाषता एवं मुख्य बिन्दुओं पर ध्यान आकर्षित किया जिसमें जांच करते वक्त किन बातों का ध्यान रखा जाना है ताकि केस को मजबूत बनाया जा सके।
जिला अभियोजन अधिकारी अब्दुल नसीम द्वारा जांच में फार्म, रजिस्टर आदि को त्रुटिरहित तरीके से जब्त करना बताया एवं फार्म सहित अन्य बारीकियां बतायी। मुख्य वक्ता व विषय विषेषज्ञ मुकेष सिन्हा द्वारा जांच के वक्त आने वाली व्यवहारिक समस्याओं का समाधान बताने के साथ भरे जाने वाले फार्मों जब्त रजिस्टर एवं समान को सील करने के बारे में बताया, सेन्टर पर होने वाली सघन जांच जिसमें छिपी हुयी चीजें सामने आ सके भी बताई।
पी.सी.पी.एन.डी.टी. सलाहकार समिति डाॅ अनीता श्रीवास्तव द्वारा एम.टी.पी. एक्ट के बारे में विस्तार से बताया गया। सहायक संचालक/नोडल अधिकारी (बेटी बचाओ बेटी पढाओ) शालीन शर्मा द्वारा पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट व रूल्स के बारे सरल हिंदी में महत्वपूर्ण जानने योग्य तथ्य बताए गए। कार्यशाला में जिला सलाहकार समिति सदस्य जावेद खान,मीना शर्मा व विनय हासवानी भी मौजूद थे..

पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट व रूल्स . जानने योग्य कुछ बातें.

1. जनता की सूचना के लिए, डिसप्ले/सूचना बोर्ड दोनों भाषाओं, अंग्रेजी व स्थानीय भाषा (हिंदी) में, कि यहाँ भ्रूण लिंग परीक्षण नहीं किया जाता, यह कानूनन अपराध है -बाहर, वेटिंग हाॅल व सोनोग्राफी कक्ष में प्रदर्षित करना, जो स्पष्ट हो व सहजता से दिखायी दे। (नियम 17-1)

2. एक्ट व रूल्स की कम से कम एक प्रति दोनों भाषााओं, अंग्रेजी व स्थानीय भाषा (हिंदी) में परिसर में रखना, तथा ग्राहकों के माँगने पर उपलब्ध कराना अनिवार्य है। (नियम 17-2)

3. मूल रजिस्ट्रेषन की प्रति वेटिंग हाॅल व सोनोग्राफी कक्ष में प्रदर्षित करना – जो स्पष्ट हो व सहजता से दिखायी दे। (धारा 19-4 एवं नियम 6-2)

4. प्रत्येक फार्म ‘एफ’ का संधारण, समस्त एण्ट्री, जिसमें नाम, पति/पिता का नाम, पूरा पता, फोन/मोबाइल नंबर, संतानों की संख्या व लिंग, गर्भ से संबंधित संपूर्ण विवरण, प्रथम आगमन/परामर्ष/परीक्षण की तारीख, भेजने वाले डाक्टर का नाम व पता आदि एवं गर्भवती महिला तथा परीक्षण करने वाले डाक्टर की हस्ताक्षर/अंगूठा निषान सहित घोषणायें साफ-साफ भरी हुयी होना। (नियम 9-4)

5. रजिस्टर का संधारण, जिसमें गर्भ से संबंधित प्रक्रिया, यथा जेनेटिक काउंसलिंग, परीक्षण, अल्ट्रासाउंड आदि पाने वाले समस्त व्यक्ति/महिलाओं का क्रमवार पूर्ण विवरण (नाम, दम्पत्ति/पिता का नाम, पते, प्रथम आगमन/परामर्ष/परीक्षण की तारीख, भेजने वाले डाक्टर का नाम व पता आदि) स्पष्टतः लिखा जाएगा। (नियम 9-1) कम्प्यूटर में रिकार्ड रखने की स्थिति में प्रिंट काॅपी रखना व उपलब्ध कराना अनिवार्य है। (नियम 9-7) दो वर्ष तक का पूर्ण रिकार्ड रखना अनिवार्य।

6. मासिक रिपोर्ट्स, जिनमें माह के गर्भ से संबंधित समस्त अल्ट्रासाउंड का पूर्ण विवरण हो, को समय से (आगामी माह की पाँच तारीख तक) प्रस्तुत करना। (नियम 9-8)

7. पंजीकृत केंद्र पर अन्य अथवा निर्धारित योग्यता न रखने वाले व्यक्ति द्वारा परीक्षण। (धारा 3-2 एवं नियम 3(3)(1)-ख)

8. भ्रूण लिंग निर्धारण अथवा चयन संबंधी विज्ञापन। (धारा 22)

9. षब्द, संकेत या अन्य तरीकों से भ्रूण का लिंग बताना। (धारा 5-2)

10. प्रत्येक उल्लंघन/अपराध संज्ञेय, गैर जमानती व अषमनीय।(धारा 27)

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Post Author: Javed Khan

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