एक बुजुर्ग वट वृक्ष का देहावसान…
ग्वालियर… ग्वालियर महानगर की पॉश कॉलोनी हरिशंकर पुरम के बी ब्लॉक में एजी ऑफिस की बाउंड्री के पास लगे एक वटवृक्ष जिसे कि विशाल वटवृक्ष यानी कि बरगद का पेड़ कहा जाता था। इस बुजुर्ग पेड़ ने आज अपना दम तोड़ दिया ।इस बुजुर्ग बरगद के पेड़ का कहा जाए तो आज देहावसान हो गया। बीती रात से लगातार हो रही बारिश ने इस बरगद की पेड़ की जड़ों को उखाड़ फेंका..
और देखते ही देखते यह विशाल वटवृक्ष धराशाई हो गया..
..वैसे ये विशाल वटवृक्ष इंटेक की सूची में भी शामिल था ..जो कि एक धरोहर के रूप में जाना जाता था.. इस वटवृक्ष की लंबाई काफी समय से लगातार बढ़ रही थी
नगर निगम या वन विभाग का अमला इसकी एक बुजुर्ग वटवृक्ष के रूप में देख रेख या लालन पालन करता,, उसकी लंबाई को कुछ कम किया जा सकता था.. जिससे कि उसकी जड़ें जमीन में बनी रहती.. तो आज यह नोबत देखने को नहीं मिलती.. लेकिन नगर निगम के अमले खासकर पार्क विभाग की उदासीनता के चलते ग्वालियर में ऐसे कई वृक्ष दम तोड़ रहे हैं। जो कि एक हेरिटेज या पुरातत्व महत्व के वृक्ष के रूप में गिने जाते हैं ।
खास बात ये थी कि हरिशंकर पुरम कॉलोनी का ये बुजुर्ग पेड़ जब धराशाई हुआ और जमीन पर लेटा तो उसके आगोश में ग्वालियर ग्लोरी स्कूल की मिनी बसें भी आ गई,
वह तो गनीमत थी उसमें कोई बच्चा नहीं था और न ही कोई चालक उन 4 स्कूली बसों में बैठा था,, जो कि पेड़ के नीचे दबकर क्षतिग्रस्त हो गई। नहीं तो किसी भी जनहानि होने की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता था ..बाद में यहां पर ट्रैफिक जाम भी हुआ और वन विभाग का अमला भी मौके पर पहुंचा। लेकिन यह जिम्मेदार अमले अगर इससे पहले वटवृक्ष जो कि 2 सौ साल पुराना माना जाता है की तरफ ध्यान देते तो इसे कुछ सालों तक और बचाया जा सकता था..
मेरे जैसे हर रोज मॉर्निंग वॉक पर निकलने वाले लोगों को इस वटवृक्ष की कमी अख़रेगी क्योंकि इसके हम रोज दीदार करते थे ।और इसकी लंबी जड़ों और तने को देखकर एक नए जीवन की प्रेरणा लेते थे।
भगवान इस वृक्ष की आत्मा को शांति पहुंचाए और हमारे वन विभाग के अमले नगर निगम के पार्क विभाग के अमले को सद्बुद्धि दे कि ऐसा वृक्ष जो कि एक शहर की शान होता था ।अब आगामी भविष्य में कोई और इसका संगी साथी इस तरह हादसे का शिकार ना हो। और इस तरह बेमौत अपनी मौत ना पाए…