चालान के एवज में मिलेंगे मास्क;;;नोवेल कोरोना को हराना है.. स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने यह ठाना है .. लाखों मास्क तैयार किए समूह की महिलाओं ने ..

नोवेल कोरोना को हराना है.. स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने यह ठाना है ..
लाखों मास्क तैयार किए समूह की महिलाओं ने ..


ग्वालियर / नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण को हराने के लिए जिले के स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने रात-दिन जुटकर लाखों की संख्या में कपड़े से बने हुए मास्क तैयार किए हैं। यह मास्क मात्र 10 रूपए की लागत में तैयार किए गए हैं। इन मास्कों का उपयोग केवल एक बार नहीं, बल्कि उन्हें धोकर निरंतर किया जा रहा है।
समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए मास्क मंगलवार को कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, sp नवनीत भसीन, सीईओ जिला पंचायत शिवम वर्मा, नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन एवं एडीएम किशोर कन्याल को समूह की महिलाओं द्वारा भेंट किए गए। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिवम वर्मा ने बताया कि ग्वालियर जिले में सभी विकासखण्डों में स्व-सहायता समूह के माध्यम से मास्क तैयार करने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शिवम वर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताए गए मापदण्डो के अनुसार मध्यप्रदेश-डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत ग्राम कल्याणी, नयागांव, भयपुरा, कुलैथ, झुण्डपुरा, चीनौर एवं पुराबनवार सहित लगभग 22 गाँवों में समूह की महिलाओं द्वारा मास्क बनाने का कार्य किया जा रहा है। मनरेगा योजना के तहत कार्य कर रहे समस्त श्रमिकों को मास्क उपलब्ध कराने के निर्णय के परिपालन में जिले में समूहों के माध्यम से मास्क तैयार कराने का कार्य प्रारंभ किया गया है। कम कीमत में मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित करने की जवाबदारी स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने उठाई है।
ग्वालियर जिले में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से दो लाख से अधिक मास्क तैयार किए गए हैं। तैयार किए गए मास्क विभिन्न ग्राम पंचायतों में मांग के अनुसार प्रदाय किए जा रहे हैं। स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित किए जा रहे मास्क की न्यूनतम दर 10 रूपए रखी गई है। प्रत्येक मास्क पर 3 रूपए सिलाई एवं लगभग 3.50 रूपए का कपड़ा एवं अन्य सामग्री का व्यय समूह द्वारा किया जा रहा है। समूह द्वारा तैयार किया जा रहा मास्क अत्यंत किफायती है एवं इसे धोकर पुन: उपयोग किया जा सकता है। इसके माध्यम से स्व-सहायता समूह की महिलाओ को रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि दो लाख मास्क निर्माण में लगभग 70 हजार मास्क अकेले डबरा विकासखण्ड के ग्राम कल्याणी समूह द्वारा तैयार किए गए हैं। समूह की सदस्य रहीसा, सरोज, नीतू, अनीशा एवं मीना ने बताया है कि समूह की महिलाओं को प्रतिदिन 200 से 250 रूपए तक की आय भी हो रही है।
नोवेल कोरोना महामारी से उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों में भी स्व-सहायता समूह की महिलायें कोरोना वॉलेन्टियर के रूप में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने समूह की सभी महिलाओं की प्रशंसा करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया और आग्रह किया है कि अधिक से अधिक समूह की महिलाएं मास्क निर्माण के साथ-साथ लोगों में नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिये आवश्यक सावधानियां बरतने की भी जनजागृति लाने का कार्य करें।
पुलिस अधीक्षक की सराहनीय पहल
ग्वालियर में स्व्-सहायता समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिये पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने एक सराहनीय पहल भी की है। उन्होंने पुलिस विभाग के माध्यम से शहर में बिना मास्क के भ्रमण करने वाले वाहन चालकों का 100 रूपए का चालान कर उन्हें 10 मास्क प्रदान करने की सराहनीय पहल प्रारंभ की है। चालान की यह राशि रेडक्रॉस समिति में जमा की जायेगी। उक्त राशि से समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए मास्क की कीमत भी अदा की जायेगी।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिये सभी लोगों को मास्क लगाना आवश्यक किया गया है। जागरूकता के पश्चात भी कुछ लोग शहर में भ्रमण के दौरान मास्क नहीं लगा रहे हैं। ऐसे लोगों का पुलिस विभाग 100 रूपए का चालान काटेगी और उक्त राशि के बदले उन्हें 10 मास्क प्रदान किए जायेंगे। चालान के रूप में वसूल की गई 100 रूपए की राशि भी रेडक्रॉस में जमा कर दी जायेगी। उक्त राशि स्व-सहायता समूहों को उनके मेहनताने के रूप में प्रदाय की जायेगी। चालान के बदले 10 मास्क प्रदान करने की यह सराहनीय पहल संभवत: प्रदेश व देश में पहली बार ग्वालियर में की गई है।

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Post Author: Javed Khan

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