ग्वालियर । मेरे भारत के दर्शन को हम जान सकें, समझ सकें और समाज को फिल्मों के माध्यम से नई दिशा दे सकें, इसी उद्देश्य को लेकर पांच वर्ष पहले चित्र भारती नाम की संस्था बनी। इसने प्रयास आरंभ किए, फिल्म महोत्सव भी हुआ। हर एक-दो वर्ष में कार्यक्रम हुए। चित्र भारती के माध्यम से नवोदित कलाकारों को उनके अंदर के हुनर को विकसित करने के लिए प्रशिक्षण हुए, जिससे वह आने वाले समय में एक बड़े कलाकार, निर्देशक बनकर उभरेंगे। इसलिए मेरा आग्रह है कि छोटे-छोटे प्रशिक्षणों के माध्यम से हम फिल्म निर्माण का प्रयास कर सकते हैं। यह कार्यशाला भी आपके लिए सीखने का माध्यम बनेगी। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य भारत प्रांत के प्रचार प्रमुख ओमप्रकाश सिसौदिया ने चित्रभारती मध्यभारत एवं नायनेश्वरी फिल्म्स द्वारा राष्ट्रोत्थान भवन नई सड़क पर आयोजित सात दिवसीय सिनेमा कार्यशाला के शुभारंभ पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में कही। कार्यशाला में सात दिनों तक नवोदित कलाकारों को फिल्म निर्माण, अभिनव जगत की बारीकियां सिखाई जाएंगी।
सिसौदिया ने कहा कि इसे लेकर पिछले तीन वर्ष से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस वर्ष दिल्ली के अंदर फिल्म महोत्सव में साढ़े आठ सौ फिल्म निर्माताओं ने भाग लिया। लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं और नवोदित कलाकारों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। मैं आप लोगों से यही कहना चाहता हूं कि आपके प्रयास प्रफुल्लित हों और सात दिन में यहां पर पूरे मन से अभिनव जगत की बारीकियां सीखें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक घनश्याम पिरौनिया ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से कलाकारों का निर्माण होगा। यहां से सीखी बारीकियां आपके जीवन में नई दिशा का संचार करेंगी। आज संचार का माध्यम बढऩे से हमें बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। जब तक आपके अंदर छुपी देश भक्ति की भावना को नहीं जगाया जाएगा तब तक आप अपने भारत को कैसे समझ सकेंगे। यह कार्यशाला आपको समझने, सीखने का एक प्रमुख माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक फिल्मों का अलग ही महत्व है। उन्हें देखने और समझने से हमें हमारे भारत के बारे में जानने का अवसर मिलता है। इसलिए यहां पर आप लोगों को सात दिनों तक इसी से जुड़ी अभिनव की बारीकियां सिखाई जाएंगी, जो भविष्य में बहुत काम आएंगी। इस दौरान ग्वालियर में गरबा व डांडिया की जननी श्रीमती शीला मोदी, ओडिसी नृत्य गुरू श्रीमती रेवा वर्धन, फिल्म निर्देशक प्रशांत चौहान आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
संचालन कार्यशाला के समन्वयक अतिशय जैन ने किया। आभार अशोक सेंगर ने व्यक्त किया। इस दौरान नारायण पिरोनिया, मनीष मांझी सहित नवोदित कलाकार व पालक उपस्थित रहे। इस दौरान नवोदित कलाकारों को फिल्म जगत की जानकारी, एक्टिंग में नवरस, स्टिल फोटोग्राफी, कैमरे, गरबा आदि का प्रशिक्षण दिया गया।