महामहिम का स्वागत उपलब्धियों वाले होर्डिंग से या साइन बोर्ड से होगा या इन बुतों से..
जी हां हम बात कर रहे हैं ग्वालियर ,के जीवाजी विश्वविद्यालय परिसर की ..
यहां 18 दिसंबर को महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आने वाले हैं ,और जीवाजी विश्वविद्यालय के मल्टी आर्ट कांपलेक्स का उद्घाटन महामहिम के हाथों करवाया जाएगा..
जिला प्रशासन ने एक बैठक करके और शहर का मौका मुआयना करके यह तय किया है कि महामहिम के एयरपोर्ट ग्वालियर से लेकर कृषि विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय आते-आते रास्ते में कोई साइन बोर्ड दिखाई नहीं देगा ..
लेकिन जीवाजी विश्वविद्यालय प्रशासन ने खुद इस नियम को ठेंगा दिखाते हुए जिस मल्टी आर्ट कॉम्प्लेक्स का राष्ट्रपति के हाथों शुभारंभ होना है ।उसके बाहर बाउंड्री बॉल पर ही अपनी उपलब्धियों को दर्शाने वाले प्लास्टिक से बने फ्लेक्स के बोर्ड यानी कि साइन बोर्ड लगा दिए हैं.. जिससे कि मल्टी आर्ट कॉम्प्लेक्स की भव्य बिल्डिंग छुप गई है ।और उसकी दृश्यता खत्म हो गई है..
जीवाजी विश्वविद्यालय परिसर में ही सुंदरता के नाम पर काठ कबाड़ से बनाए गए लोहे लंकड की उन प्रतिकृतियों को खड़ा कर दिया गया है,, जो शोभा बढ़ाने की बजाए, बुतों के रूप में दिखाई दे रही हैं , उनमें ना कोई आर्ट है और ना सुंदरता, जबकि उनको ढंग से रंग रोगन रोगन भी नहीं किया गया है..
जबकि जीवाजी विश्वविद्यालय परिसर में नो प्लास्टिक बैग्स नो प्लास्टिक के साइन बोर्ड भी लगे हैं.
लेकिन लगता है कि जीवाजी विश्वविद्यालय प्रशासन को अपनी उपलब्धियां दिखाने के लिए मल्टी आर्ट कांपलेक्स की चारदीवारी को इन्हीं साइन बोर्डों से घेरने में ही समझदारी लगी .
जो कि अपने आप में मल्टी आर्ट कॉम्प्लेक्स की सुंदरता और छवि को बिगाड़ रहे हैं ।आखिर मामला तो उनके ही कैंपस का है ना ,फैसला आपके हाथ में…
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