मदद को बढ़ते हाथों के साथ कुछ प्रशासन की बेरुखी की भी तस्वीरें..
ग्वालियर.. कोरोनावायरस के असर और उसके शहर की अलग-अलग कहानियां ग्वालियर में भी देखने को मिल रही है .. जो मजदूर आसपास के क्षेत्र में काम करते थे ..वे अपने घरों की ओर लौटने के लिए परेशान हैं ..जिला प्रशासन हालांकि लाख दावे कर रहा है कि जिले के बाहर और प्रदेश के बाहर रहने वाले मजदूरों खासकर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को उनके ठिकानों तक पहुचाने के लिए विशेष ट्रेनें और बसें चलाई जा रही हैं ..लेकिन ग्वालियर से झांसी और मऊरानीपुर की सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा को पैदल पूरा करने के लिए ग्वालियर से महिला पुरुषों बच्चों का एक जत्था बिना किसी औपचारिकता के पैदल चला जा रहा है ..उनको ना खाने की सहूलियत मिली ना किसी ने पानी चाय के लिए पूछा…
लेकिन इसी बीच में कुछ समाजसेवियों का एक दल पहुंच रहा है …सड़क किनारे रहने वाले मजदूरों खासकर झुग्गियों में रहने वाले और खानाबदोश लोगों के बीच.. जिनका रोजी रोजगार लगभग छिन सा गया है ..ऐसे लोगों को खाना बिस्किट ,चाय ,चावल और अन्य जरूरतों की चीजें पहुंचा रहे हैं कुछ समाजसेवी ।ऐसे समाजसेवियों को देखकर बंजारों और झुग्गियों की महिलाएं बच्चे और बुजुर्ग तक मददगारों की गाड़ी घेर लेते हैं ..जो उनके लिए कुछ ना कुछ खाने का सामान व पैकेट लेकर पहुंचे हैं ..
बातचीत स्रोत –राजेश एरन —समाजसेवी ,अग्रवाल परिचय सम्मेलन..