कोरोना से जंग के लिए ट्रैफिक वॉर्डन की चौराहों पर जंग..
Gwalior
– कोरोना वायरस के इफेक्ट के चलते पुलिस और प्रशासन की एक समस्या यह है कि लॉक डाउन की अवधि के दौरान लोग अपने घरों से बाहर ना निकले और इस अवधि में लॉक डाउन का पूरा पालन करें …लेकिन इसी बीच में जो अनावश्यक या बिना काम के जो लोग सड़कों से बाहर निकल आते हैं.. उनसे निबटने की ट्रैफिक यानी कि यातायात पुलिस की एक अलग समस्या होती है. इससे निबटने के लिए ग्वालियर पुलिस ने समाज के लोगों में से ही ट्रैफिक वार्डन बना कर समझाइश देने का अभियान शुरू किया है।
.. यह है ग्वालियर का जीवाजी विश्वविद्यालय का प्रमुख चौराहा ..यह मार्ग सिटी सेंटर ,यूनिवर्सिटी, मुरार सहित लश्कर के अनेक मार्गों को जोड़ने का चौराहा है.. और यहां से गुजरने वाले लोग शहर के हर दिशा में जाने के लिए इसी मार्ग का उपयोग करते हैं ..यहां तैनात ट्रैफिक और पुलिस के कर्मचारियों को इस समय यातायात प्रबंधन से ज्यादा इस बात की समझाइश देने में ज्यादा ताकत लगानी पड़ रही है.. कि लोग बिना कार्य के अपने घरों से बाहर ना निकले.. पुलिस की समझाइश से वे तैयार ना हो ..लेकिन उनके ही बीच के लोग जो समाज सेवा के क्षेत्र में कार्यरत हैं.. उनको ट्रैफिक वार्डन बनाकर इस समस्या से निपटने के साथ-साथ कोरोनावायरस के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है..
Batcheet source — स्मृति पुरवइया– सूबेदार ट्रैफिक पुलिस
–राजीव वार्ष्णेय– ट्रैफिक वार्डन
— ग्वालियर पुलिस ने शहर के यातायात को सुगम बनाने और सहयोग के लिए पुलिस के साथ-साथ समाज के अलग-अलग क्षेत्रों के समाजसेवी जो बिना किसी स्वार्थ के यातायात प्रबंधन में सहयोग कर सकते हैं.. ऐसे 70 लोगों को ट्रैफिक वार्डन के रूप में नियुक्त किया था ..जो चौराहों पर अपना दायित्व यातायात प्रबंधन के लिए कर रहे थे ..लेकिन अब उनकी जिम्मेदारी दोहरी हो गई है.. क्योंकि अब उन्हें ट्रैफिक में ट्रैफिक सुधार में सहयोग करने के साथ-साथ लोगों को कोरोनावायरस के प्रति जागरूक करते हुए घर में ही रहने की सलाह दी जा रही है..
जावेद खान ..
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