रेलवे की बाउंड्री वॉल पर इश्तेहार लगाकर सरकारी जमीन बेचने की तैयारी,, plot फॉर सेल के बोर्ड लगवाए सेठ जी ने ..
संपत्ति विरूपण अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन…
ग्वालियर… ग्वालियर अंचल में उप चुनाव के दौरान माफिया और अतिक्रमण कारी लोग चुनाव में अफसरों की व्यस्तता का अनुचित लाभ उठा रहे हैं ।और इस तरह के काम करने वाले लोग सरकारी गैर सरकारी और रेलवे की संपत्ति तक अतिक्रमण करने का साहस दिखा रहे हैं.. ताजा मामला ग्वालियर की पॉश कॉलोनी हरिशंकर पुरम के बी ब्लॉक के पास के रेलवे बाउंड्री वॉल का है ।
जहां तथाकथित भू माफिया ने रेलवे की बाउंड्री वॉल के ऊपर ही प्लॉट फॉर सेल का बोर्ड लगाकर जिला प्रशासन, रेलवे और चुनाव आयोग को खुली चुनौती दी है.. रेलवे की बाउंड्री वॉल पर प्लॉट फॉर सेल के चिन्ह लगाते हुए कम से कम छह से सात जगह ऑयल पेंट से लिखकर इश्तहार निकाला गया है और रेलवे की बाउंड्री से लगी एक-एक इंच की जमीन को अपनी बताते हुए, अपनी जमीन होने का दावा करते हुए प्लॉट बेचने की तैयारी की जा रही है ।
जब स्थानीय निवासियों ने इस बाबत पूछा तो उन्होंने कहा कि यह भूमि नगर सेठ की है और जो -प्लॉट फॉर सेल -का इश्तिहार आयल पेंट से लिखवाया गया है ।उसमें मोबाइल नंबर 98262 71 916 आ रहा है ।
वो किसी कालीचरण शर्मा के नाम पर है ।
जो सेठ जी का ही कर्मचारी बताया जाता है ।स्थानीय निवासियों ने जब इस बाबत पूछा की रेलवे की संपत्ति और बाउंड्री वॉल पर इश्तेहार क्यों लिखे जा रहे हैं ।और किसकी अनुमति से लेकर लिखे जा रहे हैं तो वहां मौजूद कर्मचारियों और सेठ जी के आदमियों का कहना था कि यह पूर्व विधायक व बीजेपी प्रत्याशी के आदेश पर किया जा रहा है ।और उनकी सेठ जी से बात हो गई है ।इस तरह के घटनाक्रम से स्थानीय निवासियों ने रोष प्रकट किया है।
क्योंकि इससे पहले भी सेठ जी इस रेलवे बाउंड्री के पास हरियाली के लिए स्थानीय निवासियों द्वारा लाए गए हरे भरे वृक्षों को jcb मशीन से हटवाा चुके हैं और स्थानी जागरूक लोगो नागरिकों द्वारा स्वागत जिला प्रशासन और सुनाइए कोई शिकायत की जा रही है.. अतिक्रमण करने वाले लोगों द्वारा जिन बड़े अधिकारियों के नाम लिए जा रहे हैं । सेठ जी के उन दावों व सच्चाई की हम पुष्टि नहीं करते हैं। लेकिन इस तरह के भ्रम फैलायेे जाानेे सेे आम जन भी भ्रमित है.. क्योंकि रेलवे की संपत्ति और बाउंड्री वॉल पर कोई भी इश्तेहार या विज्ञापन लिखना भी संपत्ति वीीरुुपन अधिनियम के दायरे में आता है। लेकिन यहां तो संपत्ति विरूपण अधिनियम तो एक छोटी सी बात है । रेलवे की बाउंड्री वॉल से लगी जमीन को बेचने की चुनौती खुलेआम दी जा रही है.
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