शत्रु ये अदृश्य है ,,विनाश इसका लक्ष्य है

हरिवंश राय जी की प्रसिद्ध पंक्तियों की प्रेरणा से आज के परिपेक्ष्य में आप सभी से निवेदन,,,,

शत्रु ये अदृश्य है
विनाश इसका लक्ष्य है
कर न भूल, तू जरा भी ना फिसल
मत निकल, मत निकल, मत निकल

हिला रखा है विश्व को
रुला रखा है विश्व को
फूंक कर बढ़ा कदम, जरा संभल
मत निकल, मत निकल, मत निकल

उठा जो एक गलत कदम
कितनों का घुटेगा दम
तेरी जरा सी भूल से, देश जाएगा दहल
मत निकल, मत निकल, मत निकल

संतुलित व्यवहार कर
बन्द तू किवाड़ कर
घर में बैठ, इतना भी तू ना मचल
मत निकल, मत निकल, मत निकल

अनुरोध कि जन चेतना हेतु जब तक यह दावानल थम न जाए, पंक्तियों को अग्रसारित करें।।।।
🌹👏🌹

0Shares

Comments

44 responses to “शत्रु ये अदृश्य है ,,विनाश इसका लक्ष्य है”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *